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रसगुल्ले का रस ? हिंदी कहानी लेखक- राजहंस

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Rasgulle ka ras Hindi story by Rajhans
Rasgulle ka ras Hindi story by Rajhans

रसगुल्ले का रस हिंदी कहानी लेखक- राजहंस : Hindi romantic story नमस्कार दोस्तों एजुकेशन पोर्टल में बहुत-बहुत स्वागत है। आज के पोस्ट में हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं राजहंस कुमार द्वारा लिखित ” रसगुल्ले का रस” हिंदी कहानी। इस कहानी को पूरा पढ़ें और हमें कमेंट के माध्यम से बताएं , कैसा लगा।

रसगुल्ले का रस हिंदी कहानी लेखक- राजहंस

मेरा गांव आस-पास के गांव में सबसे सुंदरतम गांव है ।मेरे गांव से होकर कोसी नदी बहती हैं ,जिसके कारण धरती में हमेशा नमी बनी रहती है, और फसल की हरियाली से वातावरण हमेशा महकती रहती है । इस वर्ष भी खेतों में गेहूं के छोटे-छोटे पौधे लहलहाने लगी थी ,मेरे गांव के ठीक पूरव में एक छोटा सा गांव है, जिसका नाम है बड़ियरबा ।

उस गांव में प्रतिवर्ष विवाह पंचमी का मेला लगाई जाती है ।इस वर्ष भी मेला लगाई गई थी ।आज सुबह से ही लोगों में मेला देखने जाने का हर्ष था ।बच्चे खुश थे, शाम होते ही खेतों के बीचों बीच एक लंबी कतार लग गई, क्योंकि मेरे गांव से बड़ियरबा जाने का कोई पक्की सड़क नहीं थी । इसलिए लोगों को खेतों के बीच पगडंडी से होकर ही जाना पड़ता था । (बहुत पहले की बात)

मुझे भी मेला जाने की उत्सुकता हुई ,फिर क्या था कतार में शामिल हो पीछे पीछे चल पड़ा । कुछ ही समय में मेला पहुंचकर इधर-उधर घूमने लगा ,और मेला की शोभा को निहारने लगा ।वहां भीड़ बहुत थी ,एक कदम भी बढ़ाना मुश्किल हो रहा था । जगह-जगह पर रंग बिरंगे झूला मस्ती में चक्कर काट रही थी।

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बच्चों के शोरगुल से वातावरण गूंज रही थी ।एक कतार में मिठाई बनाने वालों की दुकान सजी हुई थी । बहुत देर तक घूमने के बाद ,मैं उस मिठाई की दुकान वाले कतार में पहुंचा और एक बड़े मिठाई के दुकान में प्रवेश किया ,फिर एक कुर्सी पर जाकर बैठ गया और इस इंतजार में था ,कि दुकानदार से लेकर कुछ खाऊं ,लेकिन दुकानदार अभी व्यस्त थे ,इसीलिए जहां पर मिठाईयां रखी हुई थी उसी तरफ मैं देख रहा था ।

इसी बीच एक विचित्र घटना घटी ,एक नेता किस्म के व्यक्ति उस दुकान पर आया, उनका पहनावा ऐसा था कि देखते ही बनता था। नील टीनोपाल युक्त सफेद कुर्ता पाजामा और आंख में चश्मा देखने से तो कोई अमीर व्यक्ति लगता था ।

वह काउंटर पर कुछ देर खड़ा रहा फिर दुकानदार से बातें करने लगा । अचानक वह दुकानदार को पीछे देखने को कुछ कहा और इसी बीच वह सामने रक्खी रसगुल्ले की टब में हाथ डालकर पांच- छः रसगुल्ले निकाल कर जल्दी से अपने कुर्ता के जेब में डाल लिया। शायद इस वक्त घटना को दुकानदार टेढ़ी आंखों से देख लिया ।

उस समय तो दुकानदार कुछ नहीं बोला ,और दूसरे ग्राहक को सामान देने लगे ।अब उस व्यक्ति के जेब से रास टपकने लगा था ।और वहां से जल्दी निकल जाना चाहता था । दुकानदार किसी काम से ज्योंही अंदर की ओर मुड़ा ,कि वह सज्जन काउंटर से जाने लगा फिर क्या था ,दुकानदार तुरंत उनका पीछा किया और जोर-जोर से उसे पुकारने लगा ।

सुनिए महाशय एक पॉलिथीन तो लेते जाइए जेब से रसगुल्ले का रस टपक रहा है ।घर जाते वक्त चींटी और मधुमक्खी आपको तंग करेंगे ,इतना सुनते ही वो पानी पानी हो गया वहां कई लोग और जमा हो गए ,और उस व्यक्ति का करतूत देकर ठहाका मारकर हंसने लगे ।।

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रसगुल्ले का रस हिंदी कहानी लेखक- राजहंस Code— SAjpt86

 

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18 COMMENTS

  1. गोपी कृष्ण जी यह बरियरवा गांव बिहार राज्य के मधुबनी जिला के मधेपुर प्रखंड के अंतर्गत द्वालख गांव के पूरब और महपतिया गांव के उत्तर में स्थित है।

  2. एक सच्ची हास्य व्यंग कहानी .बहुत खूब सर आपको धन्यवाद

  3. बहुत बढ़िया ।हंसा हंसा कर लोटपोट कर देना वाला बहुत ही सुंदर हास्य कहानी ।राजहंस जी :-हम आपके इस कहानी से बहुत अधिक प्रभावित हुए और मैं अपने दोस्तों से भी यह निवेदन करता हूं की राजहंस जी के नवीनतम कहानी को अवश्य पढ़ें।

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