Shiksha Par Kavita By Rajhans
शिक्षा
शिक्षा का स्तर गिरा जा रहा,
इसका कोई फिक्र नहीं है।
कैसी होगी भावी पीढ़ी,
किसी जुवाॅ पर जिक्र नहीं है।।
राजनीति हो रही वोट की
भ्रष्ट नीति की हवा चली है ।
शिक्षा किसी को नजर ना आती,
जनता में भी बड़ी कमी है।।
जनता को बहला-फुसलाकर ,
नेता देश चलाते आज ।
जिसे भविष्य की तनिक न चिंता,
उसे पूजते गांव समाज ।।
अभिभावक भी बच्चे को,
इसलिए विद्यालय भेजा करते।
शिक्षा दीक्षा मिले न मिले ,
भोजन तो मिल जाया करते।।
छात्रवृत्ति पोशाक और साइकिल ,
सब मुद्दे पर खड़ी सवाल।
यह सारे मुद्दे करवाते,
शिक्षक जनता बीच बवाल।।
आगे देश चलाएगा जो ,
खतरे में है उनकी शिक्षा।
शिक्षा हासिल यदि किया न,
उन्हें माॅ॑गने पड़ेंगे भिक्षा।।
दीप ज्ञान का जल नहीं पाए,
भावी बच्चे मांगे भिक्षा।
करे देश यह पुनः गुलामी,
क्या युवा वर्ग की यही है इच्छा?
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