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मानवता हिंदी कविता (manavta par kavita) Rajhans

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Hindi Poem by Rajhans

Manavta Par Kavita Rajhans

मानवता हिंदी कविता (manavta par kavita) Rajhans
मानवता
क्यों ये दुनिया खो बैठी है,
 मानवता का सुंदर रंग।
 बदल गई है सारी नीतियां,
 चलने का भी बदला ढंग।।
 लूट  खसोट और बेईमानी,
 नियत का भी खोटा रंग।
 किसे कहें हम भाईचारा ,
आपस में हीं हो रही जंग।।
 किसका किससे करूं शिकायत,
 ज्यों देखूं तो खुद ही नायक।
 हम मानव ही इसका दोषी ,
चेहरा दिखाने के न लायक ।।
मानवता को मिलकर आज ,
हम सब करे पुनः निर्माण।
 नहीं तो यह एक दिन कर देंगे,
 मानव जीवन को नाकाम।।
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