Tag: hindi poem on zindagi
मानवता हिंदी कविता (manavta par kavita) Rajhans
Manavta Par Kavita Rajhans
मानवता हिंदी कविता (manavta par kavita) Rajhans
मानवता
क्यों ये दुनिया खो बैठी है,
मानवता का सुंदर रंग।
बदल गई है सारी नीतियां,
चलने का भी...
कोशी Hindi Poem by Rajhans
कोशी Hindi Poem by Rajhans
कोशी
अपनी तूफानी ताकत से,
तुम आगे बढ़ती जाती है।
अपने आगोश में ले सबको,
तुम हाहाकार मचाती है।।
अपनी चंचल जलधारा से ,
कभी फसलों...
पानी hindi Poem By Rajhans
Pani Kavita By Rajhans
पानी
पानी को हम जीवन कहते,
निर्मलता इसका स्वभाव ।
पानी के बारे में सोचो ,
बच्चों इसका बड़ा प्रभाव।।
पानी से ही भरी है दुनिया,
धरती...
बाल विवाह Hindi Kavita राजहंस
बाल विवाह
समाज धकेल रहे मुझको,
क्यों नर्क के दरवाजे में।
मेरी बचपन हो रही नष्ट,
तासे और बाजे गाजे में।।
सात साल की आयु में हीं,
रची गई थी...
तितली हिंदी कविता कवि Rajhans
Titali kavita by Rajhans
तितली
तितली के सुंदर दो पंख ,
रंग बिरंगे कोमल पंख ।
तितली जब लहराते पंख ,
बच्चों के मन भाते पंख।।
तितली की ऊंची उड़ान,
जहां...
सड़क Hindi by Rajhans
Sarak vishay par kavita by Rajhans
सड़क
सड़क पार करते हो जब तुम ,
ध्यान में रखना इतनी बात।
एक बार यदि भूल हुई तो,
पल भर में रुक...
हिन्दी कविता किसान । Farmer । By Rajhans
Poem on farmer in Hindi By Rajhans
किसान
दिन भर मेहनत करते हैं वह,
दुनिया को सुख देते हैं ।
खुद में रखते हैं ईमान,
खेतों को सी॑चे किसान।।
दिन...
क्या परियाॅ॑ सचमुच होती है || kya pariya sachamuch hoti hai
KYA PARIYA SACHAMUCH HOTI HAI
क्या परियाॅ॑ सचमुच होती है
कभी सपनों में देखा करते ,
कभी दादी मां से सुनते किस्सा।
परी लोक की गजब कहानी ,
जीवन...
उठो सवेरे हिन्दी कविता | Hindi Kavita | राजहंस
उठो सवेरे हिन्दी कविता।। राजहंस
उठो सवेरे
उठो सवेरे उठकर बच्चों,
ईश्वर का तुम ध्यान करो।
सभी काम छोड़कर पहले,
मात पिता को प्रणाम करो।।
नित्य क्रिया से निवृत्त होकर,
निर्मल...
शहर की नीयत Hindi Poem राजहंस
Shahar Ki Niyat by Rajhans
शहर की नीयत ।। राजहंस
शहर की नीयत
शरीर कपकपा रहा,
बारिश की कहर में।
कोई नहीं है देखता,
किसी को भी शहर में।।
वो छतरी...
पुष्प की विनती ।। राजहंस
पुष्प की विनती ।। राजहंस
पुष्प की विनती
एक पुष्प माली से कहा,
तुम मुझे...
है अभिलाषा मेरी इतनी Hindi Poem By राजहंस
है अभिलाषा मेरी इतनी ।। राजहंस
Hai Abhilasha Meri Etani By Rajhans
है अभिलाषा मेरी इतनी
है अभिलाषा मेरी इतनी,
सूरज सा चमका दूं धरती ।
चंदा सा शीतल...
ऋण पर कविता | Hindi Poem By राजहंस
Rin vishay par Kavita By Rajhans
ऋण
बीत गए गुलामी के दिन ,
फिर भी भारत संभल न पाया।
भ्रष्टाचार और भ्रष्ट नीतियां,
सब के मन में अभी भी...
भूखमरी पर कविता ।। राजहंस
Bhukhmari poem by Rajhans
भूखमरी
तड़प रहे हैं कितने बच्चे,
व्याकुल होकर भूख से।
अपनी व्यथा को कह नहीं पाती,
मां भी अपनी पूत से।।
माता की कैसी मजबूरी ,
बेटा...
Aise Samaj Par Bajra Gire // ऐसे समाज पर बज्र गिरे...
Aise Samaj Par Bajra Gire ।। By Rajhans
ऐसे समाज पर बज्र गिरे
गोदी से तो उतरी ही॑ थी,
भरने को जग में किलकारी।
एक बंधन में मुझे...
Shiksha Par Kavita By Rajhans
Shiksha Par Kavita By Rajhans
शिक्षा
शिक्षा का स्तर गिरा जा रहा,
इसका कोई फिक्र नहीं है।
कैसी होगी भावी पीढ़ी,
किसी जुवाॅ पर जिक्र नहीं है।।
राजनीति हो रही...
दहेज कविता | Dahej par kavita | Rajhans
Dahej par kavita Rajhans
दहेज
जो बेटी है पतित -पावनी,
सौदा उनका किया जा रहा।
दहेज प्रथा रूपी ज्वाला में,
धक्का उनको दिया जा रहा।।
कैसी है यह प्रथा राक्षसी,
सुंदर...
अध्यापक कविता | Poem on Teacher By Rajhans
Poem on Teacher By Rajhans
अध्यापक
भारत मां की देश देश में ,
हो रही कैसी जय गान ।
उसी भूमि के हम अध्यापक ,
हरदम सहते हैं अपमान।।
अमेरिका...
Dharti Ma ka Dukhara Hindi Kavita By Rajhans
Dharti Ma ka Dukhara Hindi Kavita By Rajhans
धरती माॅ॑ का दु:खरा
देखो मुझको आॅ॑ख खोलकर,
किया मुझे तुम टुकड़ा टुकड़ा।
किन लोगों पर करुं भरोसा,
किसे कहूं मैं...
Kaisi ho janani Hindi Kavita By Rajhans
Kaisi Ho Janani Hindi Kavita By Rajhans
कैसी हो जननी
माॅ॒॑ - मैं थी जब गर्भस्थ रूप में ,
पिता तुम्हारी जांच करवाएं ।
पता चला कि मैं...