कभी सपनों में देखा करते ,
कभी दादी मां से सुनते किस्सा।
परी लोक की गजब कहानी ,
जीवन की बन गई है हिस्सा।।
परियों की किस्सा सुन सुन कर ,
हम सब भी परियाॅ॑ बन जाऊं।
पंखों को ऊपर नीचे कर,
हम नील गगन में उड़ जाऊं।।
क्या परियाॅ॑ सचमुच होती है ,
क्या वह इस लोक में बसी कहीं।
क्या वह भी हंसती रोती हैं,
क्या उनकी देखी हंसी कहीं ।।
वास्तव में परियाॅ॑ हो ना हो,
लेकिन सपनों की रानी है ।
मेरे दिल में रहने वाली,
उत्सुकता भरी कहानी है ।।
धन्यवाद
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