Poem on Teacher By Rajhans
अध्यापक
भारत मां की देश देश में ,
हो रही कैसी जय गान ।
उसी भूमि के हम अध्यापक ,
हरदम सहते हैं अपमान।।
अमेरिका रूस जापान में देखो ,
शिक्षक का होता क्या मान ।
भारत देश महान में देखो,
शिक्षक का है कैसा अवमान।।
दूसरों के सम्मान के खातिर,
मिटा दिया करते स्वनाम ।
बदले में उनको क्या मिलता ,
कौड़ी से भी छोटी दाम।।
किया काम ना वेतन मिलता ,
कर्जा से चलता हर काम ।
चंद किस्म के काम थोप कर ,
कर देते उनको बदनाम ।।
इतने अपमानौ को सहकर,
गढते हैं वह कई कलाम।
फिर भी सारी दुनिया कहते ,
अध्यापक ना करते काम ।।
जिन शिक्षक से ज्ञान प्राप्त कर ,
आईएएस अफसर बने महान ।
कितनी पीड़ा होगी उनको ,
उन्हीं को करना परे सलाम।।
धन्यवाद
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