कोशी Hindi Poem by Rajhans
कोशी
अपनी तूफानी ताकत से,
तुम आगे बढ़ती जाती है।
अपने आगोश में ले सबको,
तुम हाहाकार मचाती है।।
अपनी चंचल जलधारा से ,
कभी फसलों को नहलाती हैं ।
कभी अजगर सा मुंह खोल के तुम,
कितने घर को खा जाती है।।
कहीं टीला बुर्ज बनाती हैं ,
कहीं मिट्टी को सरकारी हैं।
कहीं झोपड़ियां को चट करके,
लोगों को खूब रुलाती है ।।
मंदिर मस्जिद को लक्ष्य बना,
अपने में उसे समा॑ लेती ।
उत्तेजित हो फिर राह बदल,
कितने ही राह बना लेती।।
तेरी तूफानी ताकत से,
पत्थर दिल भी डर जाते हैं।
कितने जीवन है मिट जाते ,
कितने मानव है मर जाते।।
नदियों में सबसे ताकतवर,
मां काली जैसी रोषी है।
कहलाती हैं तुम शोक नदी,
बिहार प्रांत की कोशी है ।।
निचे कविताओं का लिंक है
निचे कविताओं का लिंक है
Click HERE
*****आपसे आग्रह की इन्हे भी पढ़े*****
Sarak vishay par kavita by Rajhans
हिन्दी कविता किसान । Farmer । By Rajhans
क्या परियाॅ॑ सचमुच होती है || kya pariya sachamuch hoti hai
उठो सवेरे हिन्दी कविता।। राजहंस
है अभिलाषा मेरी इतनी ।। राजहंस
Aise Samaj Par Bajra Gire // ऐसे समाज पर बज्र गिरे // Rajhans
Dharti Ma ka Dukhara Hindi Kavita By Rajhans
Kaisi ho janani Hindi Kavita By Rajhans
Mata Hindi kavita // Rajhans Kumar
[…] koshi vibhisika par aadharit kavita Rajhans […]