है अभिलाषा मेरी इतनी ।। राजहंस
Hai Abhilasha Meri Etani By Rajhans
है अभिलाषा मेरी इतनी
है अभिलाषा मेरी इतनी,
सूरज सा चमका दूं धरती ।
चंदा सा शीतल मैं कर दूं ,
उपवन सा महका दूं धरती ।।
बादल से मैं वर्षा लेकर,
निर्मल स्वर्ग बना दूं धरती।
फूलों से मैं खुशबू लेकर ,
खुशबूदार बना दूं धरती।।
नील गगन से तारों लेकर,
दुल्हनिया सी सजा दूं धरती ।
आसमान से बिजली लेकर ,
चकाचौंध बना दूं धरती ।।
अपने ध्वज का हरा रंग ले ,
हरियाली से भर दूं धरती ।
ईश्वर से पद बंधन करके,
पूजा योग बना दूं धरती ।।
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