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है अभिलाषा मेरी इतनी Hindi Poem By राजहंस

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है अभिलाषा मेरी इतनी ।। राजहंस
Hai Abhilasha Meri Etani By Rajhans

Hai Abhilasha Meri Etani By Rajhans

 

है अभिलाषा मेरी इतनी
है अभिलाषा मेरी इतनी,
 सूरज सा चमका दूं धरती ।
चंदा सा शीतल मैं कर दूं ,
उपवन सा महका दूं धरती ।।
बादल से मैं वर्षा लेकर,
 निर्मल स्वर्ग बना दूं धरती।
 फूलों से मैं खुशबू लेकर ,
खुशबूदार बना दूं धरती।।
नील गगन से तारों लेकर,
 दुल्हनिया सी सजा दूं धरती ।
आसमान से बिजली लेकर ,
चकाचौंध बना दूं धरती ।।
अपने ध्वज का हरा रंग ले ,
हरियाली से भर दूं धरती ।
ईश्वर से पद बंधन करके,
 पूजा योग बना दूं धरती ।।

 

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