Tumhara Ek Vichar Hamare Jivan Ko Badal Diya : नमस्कार दोस्तों आज मैं आपके समक्ष एक कहानी प्रस्तुत कर रहा हूं । यह काफी आनंददायक होने वाला है यदि अच्छा लगे तो दोस्तों तक पहुंचाने की कृपा करें।
एक समय की बात है एक कुम्हार मिट्टी को गूंथ कर कुछ बना रहा था । उसकी पत्नी अच्छे घर की थी वह समय को समझती थी। वह अपने पति से आकर बोली, पतिदेव यह क्या कर रहे हैं?
कुंभार बोले — लक्ष्मी मैं चिलम बना रहा हूं , बाजार में काफी बिकेगी अभी इसका काफी मांग है। लक्ष्मी बोली– यदि आप इसके बदले सुराही बनाते तो वह इससे भी ज्यादा बिकेगी।
गर्मी का मौसम है ना कुंभार सोचने लगे और उसे यह अच्छा लगा फिर मिट्टी को अच्छी तरह से गूंजने लगे और सुराही बनाने में जुट गए।
सुराही बनाते देख मिट्टी मैं से आवाज आई अरे कुंभार यह क्या कर रहा है?
अभी तो चिलम बना रहा था और सारा चिलम तोड़कर सुराही बनाने में लग गया क्या हुआ है तुम्हें ?
कुंभार का जवाब सुनकर मिट्टी आश्चर्य में पड़ गए कुंभार कुछ देर बाद बोले— मेरा विचार बदल गया
इतना जल्दी– मीट्टी ने जवाब दिया
हां हां — कुंभार का जवाब रहा
पर मिट्टी का जवाब और रोचक रहा ये हमारे जीवन में होने वाली किसी घटना को इंगित करते हों।
मिट्टी बोले अरे कुम्हार तुम्हारा तो सिर्फ विचार बदला किंतु देख मेरा तो जीवन ही बदल गया।
कुम्हार बोले वह कैसे ?
मिट्टी बोले चिलम बनता तो मैं खुद जलता और दूसरे को जलाता , मुझमें आग भरी जाती किंतु अब हम सुराही बनकर अपने को शीतल रखेंगे और दूसरे को भी शीतल रखेंगे।
मेरा तो जीवन धन्य हो गया ,अरे कुंभार तुम्हारा एक विचार हमारे जीवन को बदल दिया।
अब हम दूसरे की भलाई के काम आएंगे।
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धन्यवाद
बहुत प्रेरणा दायक कहानी है