Home Chanakya niti Chanakya Niti Jivan ke Liye Vardan: अपने जीवन में पांच प्रकार के...

Chanakya Niti Jivan ke Liye Vardan: अपने जीवन में पांच प्रकार के लोगों से दूर रहना नहीं तो बर्बाद हो जाओगे

3025
16
SHARE
Chanakya Niti Jivan ke Liye Vardan
Chanakya Niti Jivan ke Liye Vardan

Chanakya Niti Jivan ke Liye Vardan: अपने जीवन में पांच प्रकार के लोगों से दूर रहना नहीं तो बर्बाद हो जाओगे

Chanakya Niti: चाणक्य विश्व में सबसे श्रेष्ठ अर्थनीति, कूटनीतिज्ञ तथा राजनीति की ज्ञाता थे। जन्म के विषय में अनुमान लगाया जाता है कि चाणक्य का जन्म 376 ई॰पु॰ तथा निधन- 283 ई॰पु॰ हुआ था।

चाणक्य को कौटिल्य तथा विष्णुगुप्ता आदि नामों से भी जानते हैं। चाणक्य के पिता का नाम चणक था, इसलिए चणक के पुत्र होने के कारण इसे चाणक्य के नाम से जानते हैं। चाणक्य का जन्म होने के बाद उनके माता जी का निधन हो गया। राज ज्योतिष द्वारा भविष्यवाणी की गई कि इस बालक को राजयोग बिल्कुल नहीं मिलने वाला है किंतु यह बालक चमत्कारी तथा समाजसेवी होगा, इनके अंदर भी दो ताकि गुण कूट-कूट कर भरे हैं।

जीवन में सफलता प्राप्त करने हेतु आज भी लोग चाणक्य के नीति को अपनाते हैं। चाणक्य के द्वारा बताए गए सभी रहस्य आज के समय में भी जन कल्याणकारी साबित हो रही है।


दोस्तों, आज हम जानेंगे कि मनुष्य को पांच स्थान पर कभी नहीं जाना चाहिए जितना जल्दी हो उस स्थान को त्याग देने में ही भलाई है।

लोकयात्रा भयं लज्जा दाक्षिण्यं त्यागशीलता ।
पञ्च यत्र न विद्यन्ते न कुर्यात्तत्र संगतिम् ।।


1. जहां सम्मान ना मिले वहां जाना बेकार है

चाणक्य के अनुसार मनुष्य को उस स्थान पर नहीं जाना चाहिए जहां उसे सम्मान ना मिले ऐसे स्थान पर रहना मूर्खता है। चाणक्य कहते हैं कि किस प्रकार की जगह को शीघ्र छोड़ देने में ही भलाई है मनुष्य के लिए आत्मसम्मान से बढ़कर कुछ नहीं होता उन्हें सदैव अपने सम्मान की रक्षा करना चाहिए।


2. आजीविका या नौकरी न हो तो वहां अधिक ना ठहरे

चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को जहां आजीविका या नौकरी ना मिले उस स्थान पर अधिक समय के लिए धारणा व्यर्थ है। व्यक्ति को दूसरे अस्थान जाकर नौकरी की तलाश करना चाहिए। यदि आप स्थान नहीं बदलते हैं तो इससे आपको आमदनी के बदले हानियों का सामना करना पड़ेगा।


3. अपने से छोटे तथा स्त्रियों का सम्मान आवश्यक

चाणक्य कहते हैं कि कोई छोटा कोई बड़ा नहीं होता है। व्यक्ति छोटे हो या फिर बड़े आपको समूह का सम्मान करना चाहिए। और जिस स्थान पर औरतों का सम्मान ना हो उस स्थान पर आपको नहीं रहना चाहिए। क्योंकि जिस स्थान पर नारी का सम्मान है वहां स्वर्ग है, और जहां नारी का अपमान वह स्थान नर्क के बराबर है।


4. मनुष्य में उदारता और दया का भाव रहना आवश्यक है

चाणक्य के अनुसार मनुष्य में उदारता और दया की भावना रहनी चाहिए। यदि आप उदार भविष्य आप किसी व्यक्ति के समीप पर आते हैं तो आपके जीवन में तरक्की के अनेक रास्ते खुलने लगते हैं। इस प्रकार मनुष्य को उदारता का भाव होना चाहिए तथा दान प्रवृत्ति भी होनी चाहिए। जो व्यक्ति उदार तथा दयालु नहीं है ऐसे स्थान से आप अलग हो जाए, इसी में आपकी भलाई है।


5. विपत्ति में नहीं देते हैं साथ

चाणक्य के अनुसार इन पांच स्थानों से आपको दूर रहना चाहिए, क्योंकि यहां पर आप सम्मान का अपेक्षा कर ही नहीं सकते। और जब आपको सम्मान नहीं मिलेगा तो इस प्रकार के स्थानों से दूर रहें क्योंकि विपत्ति के दौरान भी यहां से आपको मदद नहीं मिलने वाला है।


Disclaimer: यह जानकारी अश्विनी पाराशर की बुक चाणक्य नीति के आधार पर दी गई है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

Chanakya Niti Jivan ke Liye Vardan
Chanakya Niti Jivan ke Liye Vardan

इसे भी पढ़ें

Chanakya Niti  : आखरी दम तक स्त्री अपने पति से यह बातें छुपाती है, खुद टेस्ट लेकर देख सकते हैं

70+ Best Chanakya Quotes In Hindi | आचार्य चाणक्य के सर्वश्रेष्ठ अनमोल विचार चाणक्य नीति

Best Chanakya Quotes In Hindi
Best Chanakya Quotes In Hindi

अनमोल विचार को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

 

16 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here