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Bijali ka aavishkar ki kahani :बिजली का आविष्कार कैसे हुआ? | आसान भाषा में जानिए पूरी कहानी

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Bijali ka aavishkar ki kahani
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Bijali ka aavishkar ki kahani :बिजली का आविष्कार कैसे हुआ? | आसान भाषा में जानिए पूरी कहानी

प्रस्तावना: बिजली – हमारे जीवन का अहम हिस्सा
आज हम जिन पंखों, बल्बों, टीवी, मोबाइल और मशीनों का उपयोग करते हैं, वे सभी बिजली की सहायता से ही चलते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बिजली का आविष्कार कैसे हुआ? चलिए इस ब्लॉग पोस्ट में आसान शब्दों में इसकी पूरी कहानी जानते हैं।

बिजली शब्द की उत्पत्ति

“बिजली” शब्द की शुरुआत ग्रीक भाषा के शब्द “इलेक्ट्रान” (Electron) से हुई है।
ईसा से 600 वर्ष पहले, ग्रीस के लोग यह मानते थे कि यदि अंबर (Amber) को कपड़े से रगड़ा जाए, तो उसमें एक विशेष शक्ति आ जाती है, और वह कागज के छोटे-छोटे टुकड़े को अपने ओर खींच लेते है। यह स्थैतिक बिजली (Static Electricity) का पहला ज्ञान था।

पहला बिजली उत्पादन: वोल्टा की खोज

सन् 1800 में एलेस्सान्ड्रो वोल्टा (Alessandro Volta) ने दुनिया की पहली विद्युत सेल (Electric Cell) बनाई। बता दें कि इस सेल से बिजली की धारा (Electric Current) प्राप्त की जा सकती थी। उस समय उन्होंने जिंक और तांबे की छड़ों को गंधक के अम्ल में डुबोकर यह सेल तैयार की थी।

जब इन छड़ों को तारों से जोड़ा गया, तो बिजली बनने लगी। इसके बाद कई प्रकार के सेल बनने लगे।

बिजली से जुड़ी अन्य खोजें

जब बिजली की धारा बनाना संभव हुआ, तो वैज्ञानिकों को यह समझ में आया कि इससे —

ऊष्मा (Heat)
प्रकाश (Light)
रासायनिक क्रियाएं (Chemical Reactions)
चुंबकीय प्रभाव (Magnetic Effect)
जैसे कई काम किए जा सकते हैं।

माइकल फैराडे का क्रांतिकारी योगदान

सन् 1831 में माइकल फैराडे (Michael Faraday) ने यह सिद्ध किया कि जब एक चुंबक को तांबे के तारों से बनी कुंडली (Coil) के अंदर आगे-पीछे किया जाए, तो बिजली उत्पन्न होती है। इस सिद्धांत के आधार पर ही जनरेटर (Generator) बनाए गए।

पहला डायनमो और आगे की प्रगति

सन् 1867 में जर्मनी में पहला सफल बिजली जनरेटर (Dynamo) बनाया गया तथा इसके बाद दुनिया में बिजली मोटर (Electric Motors) और ट्रांसफॉर्मर (Transformers) का विकास हुआ।

जल और ताप से बिजली उत्पादन

सन् 1858 में अमेरिका में गिरते हुए पानी से टरबाइन (Turbine) चलाई गई, और इसकी सहायता से बिजली उत्पन्न की गई।
इसके बाद दुनिया भर में जलविद्युत (Hydel Power Stations) और तापविद्युत (Thermal Power Stations) केंद्र बनने लगे।

20वीं सदी में परमाणु ऊर्जा की शुरुआत

20वीं शताब्दी में परमाणु ऊर्जा (Nuclear Energy) का उपयोग भी बिजली उत्पादन में होने लगा। और धीरे धीरे इससे बड़े स्तर पर बिजली पैदा करना संभव हुआ तथा दुनिया की जरूरतें पूरी होने लगीं।

निष्कर्ष:

बिजली का आविष्कार कोई एक दिन की खोज नहीं, बल्कि कई वैज्ञानिकों की मेहनत और खोज का नतीजा है।
आज हम जो सुविधाएं पा रहे हैं, वह उन्हीं वैज्ञानिकों की वजह से संभव हुई हैं।

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