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Hindi Poem by Rajhans

सड़क Hindi by Rajhans

Sarak vishay par kavita by Rajhans सड़क सड़क पार करते हो जब तुम , ध्यान में रखना इतनी बात।  एक बार यदि भूल हुई तो,  पल भर में रुक...

हिन्दी कविता किसान । Farmer । By Rajhans

Poem on farmer in Hindi By Rajhans किसान   दिन भर मेहनत करते हैं वह,  दुनिया को सुख देते हैं । खुद में रखते हैं ईमान,  खेतों को सी॑चे किसान।।  दिन...

क्या परियाॅ॑ सचमुच होती है || kya pariya sachamuch hoti hai

KYA PARIYA SACHAMUCH HOTI HAI क्या परियाॅ॑ सचमुच होती है   कभी सपनों में देखा करते , कभी दादी मां से सुनते किस्सा।  परी लोक की गजब कहानी , जीवन...

उठो सवेरे हिन्दी कविता | Hindi Kavita | राजहंस

उठो सवेरे हिन्दी कविता।। राजहंस उठो सवेरे उठो सवेरे उठकर बच्चों,  ईश्वर का तुम ध्यान करो।  सभी काम छोड़कर पहले,  मात पिता को प्रणाम करो।।  नित्य क्रिया से निवृत्त होकर,  निर्मल...

शहर की नीयत Hindi Poem राजहंस

Shahar Ki Niyat by Rajhans शहर की नीयत ।। राजहंस   शहर की नीयत शरीर कपकपा रहा,  बारिश की कहर में।  कोई नहीं है देखता,  किसी को भी शहर में।।  वो छतरी...

पुष्प की विनती ।। राजहंस

                        पुष्प की विनती ।। राजहंस पुष्प की विनती एक पुष्प माली से कहा,  तुम मुझे...

है अभिलाषा मेरी इतनी Hindi Poem By राजहंस

है अभिलाषा मेरी इतनी ।। राजहंस Hai Abhilasha Meri Etani By Rajhans   है अभिलाषा मेरी इतनी है अभिलाषा मेरी इतनी,  सूरज सा चमका दूं धरती । चंदा सा शीतल...

ऋण पर कविता | Hindi Poem By राजहंस

Rin vishay par Kavita By Rajhans   ऋण बीत गए गुलामी के दिन , फिर भी भारत संभल न पाया।  भ्रष्टाचार और भ्रष्ट नीतियां,  सब के मन में अभी भी...

भूखमरी पर कविता ।। राजहंस

Bhukhmari poem by Rajhans   भूखमरी तड़प रहे हैं कितने बच्चे,  व्याकुल होकर भूख से।  अपनी व्यथा को कह नहीं पाती,  मां भी अपनी पूत से।।  माता की कैसी मजबूरी , बेटा...

Aise Samaj Par Bajra Gire // ऐसे समाज पर बज्र गिरे // Rajhans

Aise Samaj Par Bajra Gire ।। By Rajhans   ऐसे समाज पर बज्र गिरे गोदी से तो उतरी ही॑ थी,  भरने को जग में किलकारी।  एक बंधन में मुझे...

Shiksha Par Kavita By Rajhans

Shiksha Par Kavita By Rajhans   शिक्षा शिक्षा का स्तर गिरा जा रहा,  इसका कोई फिक्र नहीं है।  कैसी होगी भावी पीढ़ी,  किसी जुवाॅ पर जिक्र नहीं है।।    राजनीति हो रही...
dahej vishay par kavita

दहेज कविता | Dahej par kavita | Rajhans

Dahej par kavita  Rajhans दहेज जो बेटी है पतित -पावनी,  सौदा उनका किया जा रहा।  दहेज प्रथा रूपी ज्वाला में,  धक्का उनको दिया जा रहा।।  कैसी है यह प्रथा राक्षसी,  सुंदर...
poem on teacher by rajhans

अध्यापक कविता | Poem on Teacher By Rajhans

Poem on Teacher By Rajhans   अध्यापक भारत मां की देश देश में , हो रही कैसी जय गान । उसी भूमि के हम अध्यापक , हरदम सहते हैं अपमान।।    अमेरिका...
dharti maa ka dukahra newsviralsk

Dharti Ma ka Dukhara Hindi Kavita By Rajhans

Dharti Ma ka Dukhara Hindi Kavita By Rajhans धरती माॅ॑ का दु:खरा देखो मुझको आॅ॑ख खोलकर, किया मुझे तुम टुकड़ा टुकड़ा।  किन लोगों पर करुं भरोसा,  किसे कहूं मैं...
Kaisi ho janani Hindi Kavita By Rajhans

Kaisi ho janani Hindi Kavita By Rajhans

Kaisi Ho Janani Hindi Kavita By Rajhans     कैसी हो जननी माॅ॒॑ - मैं थी जब गर्भस्थ रूप में , पिता तुम्हारी जांच करवाएं । पता चला कि मैं...

Mata Hindi kavita by Rajhans Kumar

Mata Hindi kavita by Rajhans Kumar आज समझ में आया मुझको,  कितनी प्यारी हो तुम माता।  मेरा कितना ख्याल है रखती,  आंसू नयनोऺ में क्यों आता।।    मुझे प्राप्त करने...
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