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बुरे का अंत बुरा ही होता ( Bure Ka ant Bura hi Hota ) हिंदी प्रेरक कहानी, लेखक – अमित आनंद

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Bure Ka ant bura Hindi kahani by Amit Anand
Bure Ka ant bura Hindi kahani by Amit Anand

बुरे का अंत बुरा ही होता  ( Bure Ka ant Bura hi Hota ) हिंदी प्रेरक कहानी, लेखक- अमित आनंद : नमस्कार दोस्तों एजुकेशन पोर्टल में बहुत-बहुत स्वागत है। आज हम आपके बीच एक कहानी लेकर  हाजिर हैं। कहानी के रचनाकार अमित आनंद है। इस कहानी के पात्र और घटनाएं काल्पनिक है। बुरे का अंत बुरा होता को अंत तक पढ़े। आशा है यह हमारे समाज में सकारात्मक सोच पैदा करेगी।

बुरे का अंत बुरा ही होता ( Bure Ka ant Bura hi Hota ) हिंदी प्रेरक कहानी, लेखक – अमित आनंद

एक बहुत ही विशाल गांव, जिसका नाम मणिपुर था। जैसा नाम वैसा ही गांव का सौंदर्य। गांव में अनेकों दर्शनीय स्थल, नदी, तालाब और वसंत महीने में कोयल की कूक गांव को और भी रमणीय बना देता था। उस गांव में तीन चोर रहते थे, बहुत ही चालाक उन चोरों का जोड़ा नहीं था।

तीनों चोर अपने बल और बुद्धि से बड़े-बड़े योजनाएं रचते और फिर अंजाम भी दे देते थे। तीनों में घनिष्ठ मित्रता थी यह तीनों चोर हमेशा एक ही साथ दिखते थे।

मणिपुर से मिलो दूर राजमहल है, तीनों चोर योजना बनाएं की राजमहल में चोरी किया जाए।  वहां से अधिक धन संपत्ति प्राप्त होगा। अगले ही दिन तीनों चोर मिलकर राजमहल के लिए प्रस्थान किये।

जैसा मंजिल है वैसा ही रास्ता भी, जंगल के बीचोबीच राजमहल जाने का रास्ता है। डरावना रास्ता बाघ और सिंह का डर किंतु तीनों चोर अपने साहस के बल पर उस घने जंगल को भी पार कर गए। रात के करीब 12:00 बजे तीनों चोर अपने मंजिल तक पहुंच गए।

पहरेदार पहरा दे रहे हैं, और उस बीच पता नहीं कैसे ये तीनों चोर राजमहल में पहुंचकर महारानी की आभूषण एक गठरी में बांधकर वहां से भाग निकले। कैसी रणनीति थी पहरेदारों के बीच से चोरी कर निकल जाना, यह एक आश्चर्य की बात है।

तीनों चोर चोरी कर सामान लेकर अपने गांव वापस लौट रहे थे। रास्ते में उसे जोड़ों के भूख संता रहे थे। पेट की ज्वाला मानने को तैयार नहीं था।  उस सघन वन में खाने का कोई भी वस्तु नहीं दिख रहा था।

तीनों एक पीपल के वृक्ष के नीचे बैठ गए। विचार किए की एक आदमी बाजार से जाकर कुछ खाने का वस्तु लाएं और तब तक हम दो आदमी सामान की रक्षा करते हैं।  एक चोर इस बात से सहमत हो गए और भोजन की तलाश में बाजार के लिए प्रस्थान कर दिए।

Bure Ka ant bura Hindi kahani by Amit Anand
Bure Ka ant bura Hindi kahani by Amit Anand

बहुत दूर जाने के बाद उसे एक होटल मिला। वहां बैठकर वह भरपेट भोजन किया। भोजन करते समय चोर के मन में बुरे बुरे विचार आ रहे थे। उन्होंने सोचा क्यों ना उन दोनों के भोजन में जहर मिला दिया जाए ताकि जब वे खाएंगे तो दम घुटकर मर जाएंगे, तब तो सारा माल हमारा हो जाएगा ना ……. बच्चे को चोरी करना नहीं पड़ेगा।

पूरे परिवार ठाट बाट से जीवन बिताएंगे। बहुत चोरी की है, किंतु इतना अधिक माल कहीं नहीं मिला। सात पुस्त  तो कम से कम चलेगा ही।

इधर जंगल में बैठे दोनों चोर अलग बुरे बुरे विचारों में फंसे हैं। ये दोनों सोच रहे हैं, जोही भोजन लेकर आएगा, तलवार से उसका हत्या कर देंगे। और फिर माल को दो हिस्से में बांट लेंगे। अरे वह रहेगा तो तीन टुकड़ों में बैठना पड़ेगा। अपने जीवन में बहुत चोरी की है किंतु इतना धन कहीं नहीं मिला। दोनों आदमी का परिवार सुख से बीतेगा………. दूसरा चोर उसका समर्थन किया।  दोनों चोर रणनीति बनाकर आराम से बैठे हैं।

भोजन लेकर चोर बाजार से आ रहे हैं। जैसे ही पहले चोर पीपल के वृक्ष के निकट पहुंचे, बैठे दोनों चोरों ने पहले चोर की हत्या कर दी। और फिर दोनों चोर मिलकर बड़े चाव से भोजन करने लगे। जहरीले भोजन होने के कारण कुछ ही देर में दोनों चोर तड़प तड़प कर मर गए। वहां तीनों चोर मरकर पड़े हुए हैं और बगल में आभूषण से बंधे हुए गट्ठर।

दोस्तों इस कहानी से क्या शिक्षा मिली–
बुरे सोच वाले लोगों का अंत भी बुरा ही होता है।

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लेखक- अमित आनंद ?


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12 COMMENTS

  1. super kahani amit sr bahut acha laga 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌

  2. सबसे पहले चोरी नहीं करना चाहिए , पर चोरी किया भी तो इन तीनों के मन में ये घटिया सोच नहीं आना चाहिए था 🖖😋

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