Navratri Mahanavami 2022: आज है महानवमी व्रत, मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि, मंत्र एवं महत्व
Navratri Mahanavami 2022: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानवमी कहते हैं। नवरात्रि के नवें दिन भगवती के नवम स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है।
मन क्रम वचन से यदि कोई व्यक्ति मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं तो उसे सभी प्रकार के भय, रोग और शोक से मुक्ति मिल जाती है।
मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना करने से भक्तों को सिद्धियां प्राप्त होती है। महानवमी को कन्या पूजन के साथ साथ नवरात्रि हवन का भी विधान है।
Navratri Mahanavami 2022: मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र
ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।
Navratri Mahanavami 2022: मां सिद्धिदात्री स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
Navratri Mahanavami 2022: मां सिद्धिदात्री प्रार्थना मंत्र
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी
Navratri Mahanavami 2022: मां सिद्धिदात्री पूजा विधि
महानवमी के दिन व्यक्ति स्नान आदि से निवृत होकर मां सिद्धिदात्री की पूजा का संकल्प लेते हैं, उसके बाद माता को अक्षत, पुष्प, धूप, सिंदूर, गंध, फल आदि समर्पित करना चाहिए। माता को तिल का भोग जरूर लगाना चाहिए।
सिद्धिदात्री को खीर, मालपुआ, मीठा हलुआ, पूरणपोठी, केला, नारियल और मिष्ठाई का भोग बहुत प्रिय है।
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जय माता दी
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