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यूरोप में राष्ट्रवाद ( लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर ) Subjective QnA Social Science 10th Bihar Board
Q. राष्ट्रवाद क्या है?
Ans– राष्ट्रवाद एक ऐसी भावना है जिसमें व्यक्ति की उच्चतम निष्ठा राष्ट्र के प्रति है। राष्ट्रवाद किसी विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक व सामाजिक परिवेश में रहने वाले लोगों के बीच एक व्याप्त भावना है। यह भावना आधुनिक विश्व में राजनीति का पुनर्जागरण का परिणाम है।
Q. यूरोपीय इतिहास में घेटो का क्या महत्व है?
Ans — घेटो शब्द मध्य यूरोपीय देशों के यहूदी बस्ती के लिए प्रयोग किया जाता था। आज के समय यह एक धर्म, प्रजाति या समान पहचान वाले लोगों को दर्शाती है । यह मिश्रित व्यवस्था के स्थान पर एक सामुदायिक व्यवस्था थी, जो सामुदायिक दंगों को देशी रूप में प्रकट करती है।
Q. मेजिनी कौन था?
Ans– मेजनी इटली में राष्ट्रवादियों की गुप्त दल कार्बोनरी का सदस्य था। वह उस समय सेनापति के साथ साथ साहित्यकार तथा गणतंत्र विचारों का समर्थक था। उन्होंने उत्तरी और मध्य इटली में 1830 ई० में नागरिक आंदोलन द्वारा वहां एकीकृत गणराज्य स्थापित करने का प्रयास किया किंतु असफल रहे और उन्हें इटली से पलायन करना पड़ा।
Q. मेटरनिख युग क्या है?
Ans— नेपोलियन की वाटर लू पराजय के बाद मेटरनिख यूरोप की राजनीति का सर्वे सर्वा बन गया। मेटरनिख 1815 ई० से 1848 ई० तक शासन किया, उनके शासन के दौरान यूरोप की राजनीति काफी सुदृढ़ हो गए। यूरोप की राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाने के कारण इस काल अवधि को मेटरनिख युग कहा जाता है।
Q. गैरीबाल्डी के कार्यो की चर्चा करें.
Ans– गैरीबाल्डी पेशे से एक नाविक था तथा मेजिनी के विचारों का समर्थक था, किंतु बाद में वे काबूर के प्रभाव में आकर संवैधानिक राजतंत्र का समर्थक बन गया। गैरीबाल्डी सशस्त्र क्रांति के द्वारा दक्षिण इटली के प्रांत का एकीकरण करके वहां गणतंत्र की स्थापना करने का प्रयास किया। इटली के प्रांत सिसली तथा नेपल्स पर आक्रमण कर विजय प्राप्त की। उन्होंने विक्टर एमैनुएल के प्रतिनिधि के रूप में सत्ता संभाली।
Q. जर्मनी के एकीकरण की क्या बाधाएं थी?
Ans– जर्मनी के एकीकरण की प्रमुख बाधाएं लगभग 300 छोटे-बड़े राज्य, इन राज्यों में व्याप्त राजनीतिक सामाजिक तथा धार्मिक विषमताएं थी।
जर्मनी के एकीकरण की बाधाएं राष्ट्रवाद की भावना का अभाव, ऑस्ट्रिया का हस्तक्षेप तथा मेटरनिख की प्रतिक्रियावादी नीति रही।
Q. इटली, जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया की क्या भूमिका थी?
Ans- इटली, जर्मनी के एकीकरण में सबसे बड़ी बाधा ऑस्ट्रिया थी। ऑस्ट्रिया का चांसलर मेटरनिख घोर प्रतिक्रियावादी थे।
उन्होंने इटली तथा जर्मनी में एकीकरण हेतु होने वाले आंदोलनों को दबाने का प्रयास किया। ऑस्ट्रिया द्वारा इटली के कुछ भागों पर आक्रमण किया जाने लगा, जिसमें सार्डिनिया के शासक चार्ल्स अल्बर्ट हार गए। ऑस्ट्रिया के हस्तक्षेप से इटली में जनवादी आंदोलन को कुचला गया तथा मेजिनी पराजित हो गए। जर्मनी राज्यों में उग्र रूप से बढ़ रहे विद्रोह को ऑस्ट्रिया और प्रशा मिलकर दबाया।
Q. विलियम के बगैर जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के लिए असंभव था कैसे?
Ans- विलियम प्रथम 1830 ई० में प्रशा का शासक बना। वह व्यवहार कुशल और योग्य सैनिक था। सिंहासन पर बैठने के बाद वह अपनी सैन्यशक्ति बढ़ानी शुरू कर दी और जर्मनी राष्ट्रों को एकता सूत्र में बांधने के उद्देश्य को ध्यान में रखकर बिस्मार्क को अपना चांसलर नियुक्त किया। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि विलियम के बगैर जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के लिए असंभव था।
Q. 1848 के फ्रांसीसी क्रांति के क्या कारण थे?
Ans- 1848 के फ्रांसीसी क्रांति के निम्न कारण थे।
मध्यमवर्ग के शासन का असीम प्रभाव, समाजवाद का प्रसार, गीजो नामक प्रतिक्रियावादी प्रधानमंत्री का विरोध तथा लुई फिलिप की नीतियों का विरोध ।
जुलाई 1830ई० की फ्रांस में क्रांति के बाद आर्लेयेंस वंश के लुई फिलिप ने सत्ता प्राप्त की।
इस कार्यक्रम में पत्रकारों, पेरिस की जनता तथा उदार वादियों का अहम भूमिका रहा।
लुई फिलिप ने राजा बनने के बाद मताधिकार को मध्यम वर्ग तक लाया, किंतु सामान्य जनता को इससे लाभ नहीं मिला। लूई फिलिप की नीतियां उदारवादी की ओर थी, किंतु वे खुद ऐसा नहीं थे। वह हमेशा पूंजी पतियों के पक्ष में बातें करते थे। गणतंत्र बाद के प्रति दमनात्मक कार्यों ने 1848 ई० की क्रांति को जन्म दिया।
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