मां चंद्रघंटा अहंकार तथा बाधाओं को नष्ट करने वाली, कैसे करें पूजन, क्या भोग लगाएं?
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा सिंह पर सवार है, उनके दस हाथ हैं। हाथों में कमल और कमंडल के अलावे अस्त्र-शस्त्र से सुशोभित है। माता के माथे पर अर्धचंद्र, घंटे के आकार का है इसलिए मां को चंद्रघंटा कहते हैं।
माता अपने भक्तों को निर्भय तथा सौम्यता का आशीष देती है। मां चंद्रघंटा अपने भक्तों को शांति और सुख प्रदान कर, पाप तथा बाधाओं को नष्ट करती है।
ऐसा मान्यता है कि मां चंद्रघंटा सुनहरे रंग को बहुत पसंद करती है इसलिए मां की उपासना सुनहरे रंगों के वस्त्र धारण करके करना चाहिए ।
मां चंद्रघंटा को क्या-क्या भोग लगाएं?
भक्तों यह भी जानना बेहद जरूरी है कि आज नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजन होगी। माता को क्या भोग लगाया जाए, यह एक प्रश्न बनता है।
ऐसा मानना है कि मां चंद्रघंटा को दूध या खीर का भोग तथा पंचामृत , चीनी और मिश्री प्रिय है । इसलिए दूध या खीर का भोग तथा पंचामृत, चीनी और मिश्री का भोग लगाना चाहिए । मां की पूजा जीवन को आनंदित कर देती है।
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Note — भक्तों इस लेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं तथा लौकिक मान्यताओं के आधार पर है। अधिक जानकारी हेतु विशेषज्ञ या पंडित से जरूर संपर्क करें।
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श्रीमद् भागवत कथा मां भगवती के प्रांगण में (द्वालख)
[…] १ शैलपुत्री — यह माँ भगवती का पहला रूप है। अपने पिता दक्ष प्रजापति द्वारा यज्ञ में महादेव के अपमान के कारण सती यज्ञ कुंड में कूद कर जान दे दी। अगले जन्म देवी हिमालय के घर जन्म लिया शैल राजा हिमालय के घर जन्म लेने के कारण नाम शैल पुत्री पर गया। माँ नंदी की सवारी करती है, एक हाथ में त्रिशूल तथा एक हाथ में कमल का फूल है। २ ब्रह्मचारणी —- यह माँ भगवती का दूसरा रूप है। माँ शैल पुत्री नारद मुनि के उपदेश से भगवान शंकर को वर के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की कई वर्षो तक भोजन भी ग्रहण न की। इस कठोर तपस्या के कारन नाम पर गया ब्रह्मचारणी। माता के दाए हाथ में जाप माला तथा बाए हाथ में कमंडल है। इनके कोई सवारी नहीं है। ३ चंद्रघंटा — यह माँ का तीसरा रूप है। माँ शैलपुत्री के कठिन तपस्या से भगवन शंकर खुश होकर उनसे विवाह कर लिया और माता के माथे पर अर्धचंद्र आ गया। जो एक घंटे के समान प्रतीत होती इसलिए इसे चंद्रघंटा के नाम से जानते है। माता की सवारी बाघ है हाथ में अस्त्र शस्त्र , माला , कमंडल तथा पुष्प है। अधिक जानकारी 👉Click here […]