Home Important Days चौरचन पूजा आखिर क्यों मनाई जाती है? गणपति को देखकर हंस दिए...

चौरचन पूजा आखिर क्यों मनाई जाती है? गणपति को देखकर हंस दिए थे चंद्रमा | चौरचन पूजा मंत्र जानें | Chaurchan Puja aakhir kyon manate Hain

5129
1
SHARE

( Chaurchan Puja aakhir kyon manate Hain) चौरचन पूजा आखिर क्यों मनाई जाती है? गणपति को देखकर हंस दिए थे चंद्रमा | चौरचन पूजा मंत्र जानें : चौरचन पर्व मिथिला का एक खास पर्व है। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को शाम के समय इसकी पूजा की जाती है।

इस पर्व को और भी नामों से जानते हैं जैसे चौरचन , चोरचन्दा, चौठचन्द्र तथा कलंक चतुर्दशी

Ganesh chaturthi chourchan puja

 

जिस प्रकार हम लोग छठ महापर्व में भगवान भास्कर की पूजा अर्चना करते हैं ठीक उसी प्रकार चौरचन पूजा में भगवान गणेश के साथ चंद्रमा की पूजन की जाती है।

चौरचन पर्व से संबंधित कुछ मान्यताएं हैं जिसका वर्णन पुराणों में भी की गई है। ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन चंद्रमा को कलंक लगा था। इस कलंक के निवारण हेतु रोहिणी नक्षत्र सहित चतुर्दशी की चांद की पूजा की जाती है। इस नक्षत्र में चौरचन पूजा बहुत ही शुभ माने जाते हैं।

चौरचन पूजा विधि के विषय में:

चौरचन पूजा में व्रती पूरे दिन उपवास रखती है। वह अपने घर आंगन को गाय के गोबर से लिप कर स्वच्छ बनाती है। अरवा चावल से बनी पिठार से चौका लगाती है उन पर सिंदूर की टिकाए लगाई जाती है।

आंगन में केले की बड़े पत्ते पर विभिन्न प्रकार के पकवान, खीर, मिष्ठान,फल, दही आदि परोसे जाते हैं। उसके बाद व्रती पश्चिम दिशा में मुड़ कर चंद्रमा को अर्घ देती है।

अर्घ्य देते समय निम्न मंत्रों का जाप किया जाता है जो इस प्रकार है

सिंह: प्रसेनमवधिस्सिंहो जाम्बवता हतः
सुकुमार मन्दिस्तव ह्येष स्यामन्तक: स्त’

एक एक कर डाली, मिठाई की वर्तन, पकवान आदि, दही केला, फलों को हाथ में रखकर मंत्रों का जाप करते हुए चंद्रमा को समर्पित करते हैं।

चौरचन की संक्षिप्त कथा : —

चौरचन से संबंधित एक कथा के अनुसार एक बार भगवान गणेश को देख कर चंद्रमा मजाक उड़ाया इस पर गणेश भगवान ने चंद्रमा को श्राप दे दिया कि आपको जो देखेगा उसे कलंक लगेगा।

श्रापित चंद्रमा काफी उदास हो गए और वह मानसरोवर के कुमुद के नीचे जाकर अपने आप को छुपा लिया। ‌ चंद्रमा बिना रात्रि की शोभा बिगड़ने लगी।

चंद्रमा के साथ-साथ अन्य देवताओं ने भी भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए पूजान किए। भगवान गणेश चंद्रमा को श्राप से मुक्त कर दिया उसके बाद चंद्रमा भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा की।

यदि कोई भी मनुष्य सिंह: प्रसेनमवधिस्सिंहो जाम्बवता हतः… मंत्र को पढ़ते हुए चंद्रमा का दर्शन करते हैं तो उन्हें झूठे कलंक से मुक्ति मिल जाती है तथा सर्व मनोकामना पूर्ण होती है।

Disclaimer : यह जानकारी गूगल के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार ली गई है। NewsViralSK.com इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करती है।

Read More

Ganesh chaturthi Chandra darshan : गणेश चतुर्थी पर क्यों नहीं करें चंद्र दर्शन

Vishwakarma Puja : विश्वकर्मा पूजा क्यों मनाया जाता है? क्या है महत्व जाने

Chhath geet 2022 काचहि बाँस के बहंगिया बहंगी लचकत जाय। Singer — Satish & Rajhans

 

 

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here