Home bioessay मांसाहारी छोड़े शाकाहारी अपनाएं | विश्व मांसाहार निषेध दिवस 25 नवंबर

मांसाहारी छोड़े शाकाहारी अपनाएं | विश्व मांसाहार निषेध दिवस 25 नवंबर

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Vishwa Mansahari nishedh Divas
Vishwa Mansahari nishedh Divas

मांसाहारी छोड़े शाकाहारी अपनाएं | विश्व मांसाहार निषेध दिवस 25 नवंबर Vishwa Mansahari nishedh Divas

  • मांसाहारी छोड़े शाकाहारी अपनाएं, ताकि रोग से मुक्ति मिले, जी हाँ आज का दिन विश्व मांसाहार निषेध दिवस के रूप में मनाते है।
  • विश्व मांसाहार निषेध दिवस को हम इसलिए मनाते है, कि शरीर स्वस्थ रहे और जानवरों की हत्या पर भी रोक लगाया जा सके —

मांसाहारी छोड़े शाकाहारी अपनाएं  विश्व मांसाहार निषेध दिवस 25 नवंबर

आज का विशेष महत्व विश्व मांसाहार निषेध दिवस के रूप में है। विश्व मांसाहार निषेध दिवस इसलिए मनाया जाता है, कि पशुओं की हत्या को रोका जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है । जो लोग मांसाहारी हैं, उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि मांसाहार का जीवन बीमारियों से भरा होता है। यदि शाकाहारी जीवन को अपनाया, तो आयु लंबी होगी और शरीर निरोगी बनेगी।

शाकाहारी भोजन करने वाले लोगों को सेहत का वरदान मिलता है। जिसने मांसाहार को छोड़कर शाकाहार जीवन को अपनाया, तो अब उसका जीवन सुखमय बनता गया है।

शहर के पुरानी तहसील निवासी सुरेंद्र चौहान का कहना हैं कि वह पहले बहुत मांस का सेवन किया करते थे। उसको बहुत दिक्कत हुई और बीमारी बढ़ती गई। मांसाहारी छोड़ने पर शारीरिक रूप से लाभ पहुंचा है, और अब किसी प्रकार की बीमारी नहीं है।

अर्जुनपुरम के निवासी कपिल बंसल ने बताया हैं कि एक वक्त वह हर रोज मांस का सेवन किया करते थे। उन्होंने जब शरीर को होने वाले नुकसान को जाना तो वह इसको छोड़ दिया। लोगों से अपील है कि वे मांसाहारी को छोड़े और शाकाहारी को अपनाएं।

मांसाहारी को गंभीर बीमारी का खतरा —

आयुर्वेद के चिकित्सक डा. एस के ने बताया है कि मांस का सेवन करने से कैंसर, हृदय रोग, सांस की बीमारियों, लकवे (ब्रेनस्ट्रोक), मधुमेह (Diabetes), विस्मृति रोग ( अल्ज़ाइमर), यकृत (Liver) और गुर्दे (Kidney) की बीमारियों जैसी समस्या का कारण बन सकता है।

जो व्यक्ति शाकाहारी है उन्हें क्रोनिक डिजीज, पेट के कैंसर जैसे अन्य बीमारियां मांसाहारी की तुलना में कम से कम होती हैं।

शाकाहार अपनाना इसलिए भी अच्छा होता है, क्योंकि यह बैलेंस डाइट के रूप में है, इससे दिल की बीमारी पर नियंत्रण रहता है, मोटापा भी कम करने में सहायक है, और शाकाहारी व्यक्ति की आयु भी लंबा होता है।

सात्विक भोजन है गुणकारी

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. मोनिका गुप्ता ने कहा — ‘मांसाहार स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद नहीं हो सकता’। मांस पचने में दिक्कत करती है। जब आंत में मांस रूक जाता है, तो वहीं सड़ जाता है पचता नहीं, जिसके परिणाम गंभीर होते है। राजसिक और तामसिक भोजन को छोड़ सात्विक भोजन शरीर को बीमारी से मुक्त रखने में सहायक है ।

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