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मैथिली पुत्र प्रदीप जी अब नहीं रहे

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मैथिली पुत्र प्रदीप जी अब नहीं रहे: Maithili putra Pradeep ji  जगदंब अहीं अवलंब हमर” भागवती गीत सहित अनेकों गीतों के रचयिता प्रभु नारायण झा जिन्हें मैथिली पुत्र प्रदीप के नाम से जानते हैं। वे अब नहीं रहे–  (जन्म— 2 अप्रील 1936, निधन– 30 मई 2020)

वे लगभग 80 वर्ष के थे उनका निधन लहरिया सराय स्थित बंगाली टोला निवास पर हुआ। मैथिली पुत्र प्रदीप जी का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव कैथवार जो (तारडीह) में होगी।

Maithili putra Pradeep ji
Maithili putra Pradeep ji

प्रदीप जी की निधन की सूचना मिलते संपूर्ण मिथिला शोक की लहर में डूब गई। मिथिला की एक धरोहर अब इस धरा पर नहीं रहे। जैसा कि आपको बता दें मिथिला में गोसाउन घर में विद्यापति से अधिक इनके भगवती गीत गाए जाती है।

“जगदम्ब अंही अवलम्ब हमर, हे माय अहाँ बिनु आश ककर” भगवती गीत के गायक प्रभुनारायणझा प्रदीप’ के मृत्यु इस मिथिला क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने उनके असामयिक निधन को मैथिली जगत के एक युग के अवसान सरीखा बताते हुए कहा है कि शोक की इस घड़ी में संपूर्ण संस्थान परिवार उनके परिजनों के साथ हैं।

मैथिली पुत्र प्रदीप अब नहीं रहे–

 भगवान उनके परिजनों को शक्ति प्रदान करें।

मैथिली पुत्र प्रदीप जी को शत शत नमन, श्रद्धांजलि

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