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भारत: संसाधन एवं उपयोग | Geography VVI Subjective QnA Bihar Board 10th

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bharat sansadhan awam upyog SOCIAL SCIENCE
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Table of Contents

भारत: संसाधन एवं उपयोग Subjective QnA Social Science 10th Bihar Board

 

Q . संसाधन को परिभाषित करें।

Ans.– प्रकृति से प्राप्त वे वस्तुएं जो हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति तथा सुख सुविधाएं प्रदान करने में उपयोगी साबित हो, संसाधन कहलाता है। प्रकृति से प्राप्त वस्तुएं विभिन्न रूप में पाए जाते हैं किंतु जब तक हम इसका उपयोग नहीं करते, इसे संसाधन की कोटि में नहीं रखा जा सकता है।

Q . भौतिक और जैविक संसाधन का उदाहरण दीजिए।

Ans.-– भौतिक संसाधन— भूमि, मिट्टी, जल, खनिज
जैविक संसाधन-— वनस्पति, वन्यजीव तथा जलीय जीव

Q . संसाधन का वर्गीकरण करें।

Ans.– संसाधन को निम्न प्रकार से वर्गीकरण किया जा सकता है। –

A.उत्पत्ति के आधार पर
B.उपयोगिता के आधार पर
C. स्वामित्व के आधार पर
D. विकास की स्थिति के आधार पर।

Q . उत्पत्ति के आधार पर संसाधन को कितने भागों में बांटा गया है?

Ans.– उत्पत्ति के आधार पर संसाधन के दो प्रकार है

* जैव संसाधन — जैव मंडल में पाए जाने वाले संसाधन जैव संसाधन कहलाता है। जैसे –मनुष्य, वनस्पति, पशु इत्यादि।

* अजैव संसाधन— निर्जीव पदार्थों से मिलने वाले संसाधन अजैव संसाधन कहलाता है । जैसे- मिट्टी, पानी, पत्थर इत्यादि

Q . उपयोगिता के आधार पर संसाधन को कितने भागों में बांटा गया है?

Ans.– उपयोगिता के आधार पर संसाधन को दो भागों में बांटा गया है

a. नवीकरणीय संसाधन–– नवीकरणीय संसाधन उस संसाधन को कहते हैं, जिन्हें हम भौतिक, रासायनिक या यांत्रिक विधि द्वारा पुनः प्राप्त कर सकते हैं। जैसे- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा , जल ऊर्जा इत्यादि।

b. अनवीकरणीय संसाधन–– जिस संसाधन को हम किसी भी तरीके से पुनः प्राप्त नहीं कर सकते हैं, अनवीकरणीय संसाधन कहलाता है। जैसे– जीवाश्म ईंधन (कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस इत्यादि।)

Q . स्वामित्व के आधार पर संसाधनों को कितने भागों में बांटा गया है?

Ans.– स्वामित्व के आधार पर संसाधन को चार भागों में बांटा गया है–

a .व्यक्तिगत संसाधन b.सामूहिक संसाधन c.राष्ट्रीय संसाधन d.अंतर्राष्ट्रीय संसाधन

a .व्यक्तिगत संसाधन –– इस संसाधन पर लोगों का निजी अधिकार होता है। जैसे -भूखंड, तालाब, बाग बगीचा इत्यादि।

b.सामूहिक संसाधन –– इस संसाधन पर समुदाय के सभी लोगों के अधिकार होते हैं। जैसे -मंदिर, मस्जिद, खेल का मैदान इत्यादि।

c.राष्ट्रीय संसाधन –– जो संसाधन राष्ट्र की भौगोलिक सीमाओं के अंदर हो, राष्ट्रीय संसाधन कहलाता है।

d.अंतर्राष्ट्रीय संसाधन-– जिन संसाधनों का नियंत्रण अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा हो। जैसे- समुद्री क्षेत्र (किसी देश की तटरेखा से 200 किलोमीटर क्षेत्र अंतर्रष्ट्रीय क्षेत्र होता है।)

Q . विकास की स्थिति के आधार पर संसाधन को वर्गीकृत करें।

Ans.– विकास की स्थिति के आधार पर संसाधन को मुख्यतया चार भागों में बांटा गया है।
* संभावी संसाधन-– वे संसाधन जो पहले से विद्यमान हो किंतु उपयोग नहीं किया गया हो, साथ ही भविष्य में उपयोग होने की संभावना हो। जैसे- हिमालय क्षेत्र का खनिज।

* विकसित संसाधन-– जिन संसाधनों का संरक्षण, उनके उपयोग की गुणवत्ता और मात्रा का निर्धारण हो चुका है, विकसित संसाधन कहलाता है।

* भंडार-– वे संसाधन जो उपलब्ध हो, जिनसे मनुष्य आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें किंतु तकनीकी के अभाव में पहुंच से बाहर हो, भंडार कहलाता है।

* संचित कोष संसाधन-– जिन संसाधनों का प्रयोग उपलब्ध साधनों के आधार पर प्रयोग में लाया जा सके, संचित कोष संसाधन कहलाता है।

Q . खादर और बांगर मिट्टी में क्या अंतर है.?

Ans.– नदियों के बाढ़ के मैदानी क्षेत्र की नवीन कणों वाले कांप मिट्टी को खादर मिट्टी कहते हैं।

नदियों द्वारा जमा की गई पुरानी कांप मिट्टी बांगर मिट्टी कहलाती है।

Q .पेट्रोलियम का कोयले से अधिक महत्व है क्यों?

Ans.– पेट्रोलियम, शक्ति के सभी साधनों में उच्च गुण वाले होते हैं। यह सभी प्रकार के यातायात का प्रमुख साधन है। पेट्रोलियम का खनन, परिवहन तथा वितरण कोयले से सस्ता होता है। पेट्रोलियम का भंडार कोयले के भंडार से कहीं अधिक है। इसलिए पेट्रोलियम का कोयले से अधिक महत्व है।

Q . बहु उद्देशिय परियोजना से क्या समझते हैं ?

Ans.– विकास की ऐसी परियोजना जिसमें एक साथ कई कार्यों यानी उद्देश्यों को संपादित की जाती है, बहु उद्देशिय परियोजना कहलाता है। जैसी- नदी घाटी परियोजना द्वारा – बाढ़ नियंत्रण, बिजली उत्पादन, मत्स्य पालन, मृदा अपरदन रोकथाम, सिंचाई आदि कई कार्य किए जाते हैं।

Q . सौर ऊर्जा का उत्पादन कैसे होता है?

Ans.– सौर ऊर्जा का उत्पादन सूर्य प्रकाश से होता है। जब सूरज का प्रकाश फोटोवोल्टिक सेलों पर पड़ती है, तो रासायनिक ऊर्जा बैटरी में संचित होने लगती है। सौर ऊर्जा बहुत कम लागत में अधिक मात्रा में ऊर्जा प्रदान करता है। राजस्थान और गुजरात राज्यों में इस ऊर्जा की अपार संभावनाएं दिख रही है।

Q . जल संसाधन के क्या उपयोग है, लिखें।

Ans.– जल ही जीवन है यह कथन याथार्थ है। प्राचीन समय से ही मनुष्य जल का उपयोग करते आ रहे हैं। यह एक बहुमूल्य संसाधन है। जल का प्रयोग पीने के लिए, घरेलू कार्य हेतु, सिंचाई में, उद्योग धंधे में, मत्स्य पालन में तथा बिजली प्राप्त करने हेतु करते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि जल के बिना जीवन असंभव है।

Q.भारत के प्रमुख जैव मंडल क्षेत्रों तथा प्रांतों का नाम लिखें?

Ans— भारत के प्रमुख जैव मंडल क्षेत्रों तथा प्रांतों का नाम

सुंदरवन –पश्चिम बंगाल
मन्नार की खाड़ी –तमिलनाडु
नंदादेवी –उत्तरांचल
नीलगिरी– केरल ,कर्नाटक, तमिलनाडु

Q.फसल चक्रण मृदा संरक्षण में कैसे सहायक है?

Ans—फसल चक्रण द्वारा मृदा के पोषक तत्वों को संतुलित रखा जाता है । गेंहू, चावल, कपास, मक्का आदि के लगातार उगाने से मिट्टी की पोषक तत्वों में कमी हो जाती है। दलहन तथा तिलहन की खेती द्वारा पोषक तत्व की पूर्ति की जाती है। दलहनी पौधे के जड़ों में नाइट्रोजन का स्थिरीकरण होता है। अतः फसल चक्रण मृदा संरक्षण में सहायक है।

Q.मृदा निर्माण के मुख्य घटक कौन कौन है?

Ans—मृदा निर्माण के मुख्य घटक इस प्रकार है
*स्थानीय जलवायु
*पर्वतीय चट्टान एवं खनिज
* वनस्पति एवं जीव
* भू आकृति एवं ऊंचाई
* मृदा निर्माण में लगा समय

Q.लौह तथा अलौह खनिज में क्या अंतर है?

Ans—लौह खनिज में लोहे का अंश पाया जाता है। जैसे- लौह अयस्क, मैंगनीज, निकेल, कोबाल्ट इत्यादि

अलौह खनिज में लोहे का अंश नहीं होता। जैसे- सोना, चांदी, तांबा , बॉक्साइट इत्यादि

Q मुंबई हाई तेल उत्पादक क्षेत्र का परिचय दें।

Ans—मुंबई हाई तेल उत्पादक क्षेत्र समुद्र तट से 115 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। 1973 ई० में मुंबई दीप के निकट सागरतल का वेधन करके तेल निकाला गया। यहां पर सागर सम्राट नामक जलमंच का भी निर्माण किया गया। आज भारत के सबसे अधिक तेल उत्पादन क्षेत्र यही है।

Q.खनिज क्या है?

Ans–खनिज प्राकृतिक योगिक है। इसकी संरचना एवं संगठन समान होती है। यह चट्टानों एवं अयस्कों में पाए जाते हैं। इनके बिना विकास की कल्पना नहीं किया जा सकता है। अब तक 2000 से भी अधिक खनिजों का पहचान हो चुका है, जिसमें 30 खनिज का आर्थिक दृष्टिकोण से काफी महत्व है।

Q.खनिजों के आर्थिक महत्व का वर्णन करें-

Ans—खनिज सभ्यता और संस्कृति का आधारभूत स्तंभ है। इनके बिना उद्योग का विकास संभव नहीं। हमारे दैनिक जीवन में खनिजों का एक विशेष स्थान है। उद्योगों के लिए इसका काफी महत्व है। साथ ही इसके बगैर राष्ट्र कल्याण का भी हम कल्पना नहीं कर सकते।

Q.एलमुनियम के उपयोगों को लिखें

Ans—एलमुनियम के उपयोगों निम्न है-
a.वायुयान निर्माण में
b.विद्युत उपकरण बनाने में
c.बर्तन निर्माण में
d.साज सज्जा के समान बनाने में

Q.जल संकट क्या है?

Ans—विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जल उपलब्ध ना हो, जल संकट कहलाता है। पृथ्वी पर जल का अपार भंडार होने के बावजूद, यह एक जटिल समस्या बनी हुई है। स्वतंत्रता के बाद उद्योग धंधे तथा नगरों का काफी विकास हुआ। उद्योगों के वजह से पीने योग्य पानी पर भी काफी दबाव बढ़ा, इस प्रकार जल संकट की समस्या उत्पन्न हुई।

Q.पारंपरिक तथा गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत के उदाहरण दीजिए-

Ans—पारंपरिक ऊर्जा स्रोत –लकड़ी, कोयला, पेट्रोलियम इत्यादि
गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत–सौर, परमाणु, हवा इत्यादि

Q.अभ्रक का क्या क्या उपयोग है?

Ans—अभ्रक का उपयोग निम्नलिखित है
a .इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में
b.आयुर्वेदिक दवा में
c. अबीर गुलाल आदि बनाने में

Q.हरित क्रांति से क्या समझते हैं?

Ans—भारतीय कृषियों में क्रांतिकारी विकास को हरित क्रांति कहते हैं। इस क्रांति में नए प्रजातियों की फसल लगाकर, आधुनिक उपकरणों का प्रयोग कर, समुचित सिंचाई की व्यवस्था तथा खाद उर्वरकों का प्रयोग करके उत्पादन को काफी बढ़ाया गया, कृषि क्षेत्र में यह विकास हरित क्रांति के नाम से जाना जाता है।

Q.पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों कहते हैं?

Ans—पृथ्वी पर 71% भाग में जल की मौजूदगी के कारण अंतरिक्ष से देखने पर नीला दिखाई पड़ता है। नीला दिखने के कारण पृथ्वी को नीला ग्रह कहते हैं।

Q. मृदा कितने प्रकार के होते हैं?

Ans.– रंगों और संरचना के अनुसार मृदा को 6 भागों में बांटा गया है। जलोढ़ मृदा, लाल मृदा, काली मृदा, लेटराइट मृदा, मरुस्थलीय मृदा और पर्वतीय मृदा

Q. पेट्रोलियम से किन किन वस्तुओं का निर्माण होता है?

Ans.– पेट्रोलियम एक शक्ति संसाधन है। यह ताप प्रकाश के लिए इंधन तथा अनेक विनिर्माण उद्योग को कच्चा माल प्रदान करती है। इसका उपयोग रसायन उद्योग में कृत्रिम रबड़ बनाने में तथा कीटनाशक दवा आदि बनाने में किया जाता है।

Q. प्राकृतिक संसाधन का संरक्षण आवश्यक है, क्यों?

Ans.– प्राकृतिक संसाधन समाप्त होने योग्य बहुमूल्य संसाधन है। क्योंकि इनके निर्माण में लाखो वर्ष लग जाते हैं । उदाहरण के लिए पेड़- पौधे को लाखो वर्ष तक पृथ्वी की गहराई में दबे रहने के बाद पेट्रोलियम तथा कोयला जैसी संसाधन प्राप्त होती हैं।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि, प्राकृतिक संसाधन का संरक्षण अति आवश्यक है।

Q. कोयला के विभिन्न प्रकारों का नाम लिखें।

Ans.– कोयला के मुख्यतः चार प्रकार हैं
एंथ्रासाइट, विटुमिनस, लिग्नाइट और पीट

Q. नदी घाटी परियोजना को बहुउद्देशीय परियोजना क्यों कहते हैं?

Ans.– नदी घाटी परियोजना का मुख्य उद्देश्य नदी- घाटियों से जुड़ी समस्याओं का हल करना है। बहुद्देशीय परियोजना से तात्पर्य एक साथ अनेक उद्देश्यों की पूर्ति से है। नदी-घाटी परियोजना का उद्देश्य निम्न है —
बाढ़ का नियंत्रण, बिजली उत्पादन, मछली पालन, सिंचाई, भूमि अपरदन रोकथाम इत्यादि।

Q. मैग्नीज के उपयोग पर प्रकाश डालें।

Ans.– मैग्नीज का उपयोग लोहा तथा इस्पात बनाने में किया जाता है। इसका उपयोग अनेक मिश्रित धातुओं के उत्पादन में कच्चे पदार्थ के रूप में किये जाते है।
मैगनीज का प्रयोग बैटरी बनाने में, ब्लीचिंग पाउडर बनाने में, किटनाशक दवाई में होता है। भारत में मैगनीज उत्पादन करने वाले राज्य इस प्रकार है– उड़ीसा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश।

Q. चिपको आंदोलन क्या है?

Ans.– चिपको आंदोलन 1972 में उत्तर प्रदेश के टेहरी गढ़वाल पर्वतीय जिला में जनजातियों द्वारा चलाया गया आंदोलन था। इस आंदोलन का नेतृत्व सुंदरलाल बहुगुणा, चंडी प्रसाद भट्ट और कई महिलाओं ने की । यह आंदोलन जंगलों की व्यवसाई कटाई के विरुद्ध चलाया गया था। पेड़ों को काटने से बचाने के लिए ग्रामीण लोग पेड़ों के साथ चिपक जाते थे। इसलिए इस आंदोलन का नाम चिपको आंदोलन पर गया और इस चिपको आंदोलन का प्रभाव इतना पड़ा कि 15 वर्षों तक हिमालय क्षेत्र में वनों की कटाई पर पूर्णतः रोक लग गई।

Q. परमाणु शक्ति किन किन खनिजों से प्राप्त होती है?

Ans.– आज के समय शक्ति ऊर्जा के स्रोत में परमाणु शक्ति का भी नाम आता है। यह शक्ति ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। इसे विभिन्न खनिजों से प्राप्त करते हैं । जैसे – यूरेनियम, एंटीमनी, वैनेडियम, मोनाजाइट इत्यादि आणविक खनिज‌ है।

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