18वीं शताब्दी में यूरोप में राष्ट्रवाद का निर्माण कैसे हुआ?
उत्तर —- 18 वीं शताब्दी के मध्य यूरोप में एकीकृत राष्ट्र नहीं था। वह छोटे-छोटे स्वायत और अर्धस्वायत्त राजनीतिक इकाइयों में बटे हुए थे , जैसे राजशाही डची, केंटन इत्यादि। पूर्वी तथा मध्य यूरोप निरंकुश राजशाही के अधीन थे।
यहां विभिन्न भाषा, भाषी और प्रजातिय लोग रहते थे। उनकी संस्कृति और भाषा एक नहीं होने के कारण सामुदायिक पहचान में भी समस्याएं आती रहती थी। यहां कुलीन वर्ग के लोग जर्मन भाषा बोलते थे, किंतु लोंबाडी और वेनेशिया में इतालवी भाषा बोली जाती थी। हंगरी की आधी आबादी में मैग्यार भाषा बोलते थे। गेलीशिया के कुलीन वर्ग पोलिश भाषा बोलते थे।
18 वीं शताब्दी में यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में अनेक तत्वों ने अपना योगदान दिए। कुलीन वर्ग सामाजिक और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली थे। वे लोग छोटे-छोटे किसानों से खेती करवाते थे और वे शहरों में बड़े-बड़े हवेलियों में रहते थे। वे लोग मातहतों से ग्रामीण क्षेत्रों में काम करवाते थे।
कुलीन वर्गों के साथ-साथ मध्यम वर्ग भी प्रभावशाली थे, औद्योगिक उत्पादन बाजारों के विस्तार से व्यापारी वर्ग का प्रभाव पड़ा। इससे नई आर्थिक व्यवस्था में नए सामाजिक वर्गों का उदय हुआ।
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