What is Hosting in Hindi: वेब होस्टिंग क्या है? इसके प्रकार संपूर्ण जानकारियां
What is Hosting in Hindi : ( Hosting Kya hai )यदि आप वेबसाइट के संबंध में, या फिर टेक्नोलॉजी में रुचि रखते हैं तो Hosting शब्द जरूर सुने होंगे। आज के लेख में मुख्य रूप से हम आपको बताने वाले हैं Hosting क्या है तथा इसके प्रकारों के संदर्भ में संपूर्ण जानकारियां ..
इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप समझ पाएंगे कि एक वेबसाइट बनाने के लिए किन-किन बातों पर ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। हम लोग यूट्यूब पर वीडियो देख लेते हैं और जाने अनजाने में एक अच्छे होस्टिंग नहीं ले पाते जिसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ जाता है।
एक वेबसाइट के लिए होस्टिंग का बहुत बड़ा महत्व होता है। यदि आप एक दुकानदार है तो अपनी दुकान को सुरक्षित रखने के लिए पके मकान बनाते हैं क्यों दुकान तो आप कच्चे घरों में भी शुरू कर सकते हैं यहां पक्के मकान बनाने की क्या आवश्यकता है?
एक वेबसाइट के लिए भी Hosting का वही महत्व होता है। इसलिए आपसे आग्रह है कि इस लेख को जरूर पढ़ें और अंत तक पढ़े.. हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि इसे पढ़ने के बाद आप Hosting खरीदते समय समस्याओं में नहीं पड़ेंगे।
हम लोगों के सामने सबसे पहला प्रश्न आता है आखिर या होस्टिंग होता क्या है?
दोस्तों यहां हम आपके साथ एक उदाहरण शेयर करना चाहते हैं जिसके माध्यम से आप आसानी से समझ जाएंगे कि Hosting क्या होता है? और फिर डोमेन क्या होता है?
मान लीजिए कि आप एक दुकान खोले हैं उस स्थिति में आपको भाड़े का एक मकान लेना होता है और उसके बाद अपनी दुकान का एक नाम देना होता है।
जहां पर हम अपनी दुकान का सामान स्टोर करके रखते हैं वही हमारा Hosting है। और जो हमारा दुकान का नाम होता है वही डोमेन नेम है।
इस प्रकार आप आसान शब्दों में होस्टिंग और डोमेन के बारे में जान गए।
What is Hosting in Hindi | होस्टिंग क्या होता है?
आसान शब्दों में समझे तो होस्टिंग एक ऑनलाइन स्पेस होता है जहां पर हम अपनी वेबसाइट के डाटा को स्टोर करके रखते हैं। होस्टिंग के माध्यम से ही हमारा वेबसाइट इंटरनेट पर लाइव दिखता है।
जिस प्रकार आप मोबाइल में फोटो वीडियो आदि को स्टोर करने के लिए मेमोरी का इस्तेमाल करते हैं, कंप्यूटर में हार्ड डिक्स का इस्तेमाल किया जाता है ठीक उसी प्रकार वेबसाइट के कंटेंट को रखने के लिए एक स्पेस की आवश्यकता होती है और इसी स्पेस को होस्टिंग कहते हैं।
Domain Name होता है उसे DNS (Domain Name System) के द्वारा आपके होस्टिंग से कनेक्ट किया जाता है। जब कोई यूजर्स उस डोमेन नेम को वेब ब्राउजर में सर्च करता है तो होस्टिंग से जुड़े हुए डाटा को लाइव दिखाने लगता है। वह आपके वेबसाइट को एक्सेस कर पाते हैं।
Definition of Hosting in Hindi | होस्टिंग की परिभाषा
होस्टिंग वह माध्यम होता है जो किसी भी वेबसाइट के कंटेंट को इंटरनेट के माध्यम से जोड़े रखता है। हम अपनी वेबसाइट पर जो भी काम करते हैं सभी होस्टिंग में स्टोर होता रहता है। और यह वेबसाइट को हमेशा लाइव रखती है।
Types of Hosting in Hindi | होस्टिंग के प्रकार
प्यारे दोस्तों इस आर्टिकल में आप जान चुके हैं कि होस्टिंग क्या होता है? अब हम आपको बताने वाले हैं Hosting के प्रकारों के बारे में..
होस्टिंग मुख्यतः 6 प्रकार की होती है
>> Shared Hosting (शेयर्ड होस्टिंग)
>>Dedicated Hosting (डेडिकेटेड होस्टिंग)
>>VPS Hosting (वर्चुअल प्राइवेट सर्वर)
>>Cloud Hosting (क्लाउड होस्टिंग)
>>Manage WordPress Hosting (मैनेज वर्डप्रेस होस्टिंग)
>>Reseller Hosting (रिसेलर होस्टिंग)
दोस्तों अब हम सभी होस्टिंग के बारे में एक-एक करके जानने का प्रयास करते हैं।
Shared Hosting (शेयर्ड होस्टिंग)
जैसा नाम वैसा ही काम, शेयर्ड होस्टिंग का मतलब होता है एक ही सर्वर पर अनेक वेबसाइट को होस्ट करना। शेयर्ड होने के कारण इस प्रकार के होस्टिंग सस्ता होता है।
शेयर्ड होस्टिंग नए ब्लॉगर के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि शुरुआती दिनों में ब्लॉग पर उतना ट्रैफिक नहीं आता। साथ ही इस प्रकार की होस्टिंग को सेटअप करना बिल्कुल आसान होता है।
हां एक बात है यदि आपके वेबसाइट पर अधिक मात्रा में ट्रैफिक आता हो तो उस स्थिति में शेयर्ड होस्टिंग अच्छा नहीं होता आपका वेबसाइट डाउन होने लगता है।
यदि सिक्योरिटी की बात करें तो उस स्थिति में भी शेयर्ड होस्टिंग अच्छा नहीं माना जाता है।
Dedicated Hosting (डेडिकेटेड होस्टिंग)
Dedicated होस्टिंग शेयर्ड होस्टिंग का बिल्कुल विलोम होता है। यहां पर पूरा सर्वर एक वेबसाइट को दिया जाता है। साथ ही वेबसाइट ओनर के पास होस्टिंग का नियंत्रण होता है।
डेडीकेटेड होस्टिंग का खास बात यह है कि यह मिलियन में ट्रैफिक को हैंडल कर सकता है। जोकि शेयर होस्टिंग के लिए नामुमकिन है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि Amazon , Flipkart जैसे बड़े-बड़े वेबसाइट डेडीकेटेड
होस्टिंग पर ही होस्ट किए गए हैं।
डेडीकेटेड होस्टिंग काफी स्पीड होता है तथा सिक्योर होते हैं। यह होस्टिंग महंगी होती है, साथ ही इस्तेमाल करने के लिए टेक्निकल नॉलेज होना आवश्यक है।
VPS Hosting (वर्चुअल प्राइवेट सर्वर)
VPS यानी Virtual Privet server होस्टिंग में एक सर्वर को अनेक भागों में बाँट दिया जाता है, तथा प्रत्येक वेबसाइट के लिए एक फिक्स जगह दिया जाता है। इसका प्रयोग कोई अन्य नहीं कर सकते। यहां पर आपको जो जगह दिया जाता है उस पर आप अपनी वेबसाइट को होस्ट कर सकते हैं आप दूसरे के स्पेस को प्रयोग में नहीं ला सकते।
कहने का मतलब यह हुआ कि किसी वेबसाइट का किसी दूसरे वेबसाइट के स्पेस से कोई संबंध नहीं होता।
इस होस्टिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि Storage तथा Bandwidth हो आप आवश्यकता अनुसार घटा बढ़ा सकते हैं। यदि आप की वेबसाइट पर अच्छा खासा ट्रैफिक है और आपका बजट कम है तो उस स्थिति में आप
VPS Hosting की तरफ जा सकते हैं। यह होस्टिंग डेडीकेटेड होस्टिंग की तुलना में सस्ता होता है। इस होस्टिंग का इस्तेमाल करने के लिए टेक्निकल नॉलेज की आवश्यकता पड़ती है।
Cloud Hosting (क्लाउड होस्टिंग)
क्लाउड होस्टिंग एक ऐसा होस्टिंग है जिसमें आपके वेबसाइट के स्टोरीज कॉपी को क्लाउड रिसोर्सेज के माध्यम से एक अन्य लोकेशन पर रखा जाता है। ऐसे में आपके वेबसाइट के डाउन होने की संभावना नहीं के बराबर हो जाती है।
अन्य होस्टिंग की तुलना में या बिलकुल भिन्न होता है क्योंकि आपके वेबसाइट का डाटा का कॉपी अन्य सरवर पर स्थापित किया जाता है।
इस होस्टिंग का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि यह ट्रैफिक को आसानी से झेल लेता है। किंतु सारा कंट्रोल वेबसाइट और के पास नहीं होता।
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Manage WordPress Hosting (मैनेज वर्डप्रेस होस्टिंग)
जब आप होस्टिंग खरीदते हैं तो उस समय आपके सामने वर्डप्रेस होस्टिंग का भी विकल्प आता है। जब आप शुरुआती दिनों में अपना वेबसाइट बनाते हैं तो शेयर्ड होस्टिंग का प्रयोग करते हैं किंतु यह होस्टिंग इससे कुछ भिन्न होता है।
सबसे खास बात यह है कि वर्डप्रेस होस्टिंग में होस्टिंग कंपनी आपके वेबसाइट को पूरा मैनेज कर देती है. जैसे होस्टिंग में टेक्निकल काम, वेबसाइट की स्पीड मेंटेन करना, वेबसाइट का बैकअप रखना आदि। किंतु इसके बदले में आपको चार्ज देना पड़ता है। इस प्रकार यह होस्टिंग महंगी होती है।
Reseller Hosting (रिसेलर होस्टिंग)
Reseller Hosting मे हम होस्टिंग कंपनी से होस्टिंग लेकर अपने क्लाइंट के लिए वेबसाइट बनाते हैं और उस वेबसाइट को पोस्ट करते हैं।
इसे आप एक उदाहरण से समझ सकते हैं माना कि आप पोस्टिंग कंपनी से 20000 रुपये की रीसेलर होस्टिंग खरीदते हैं। उसके बाद उस होस्टिंग में अपने 10 क्लाइंट के वेबसाइट को कनेक्ट कर देते हैं। प्रत्येक से ₹5000 चार्ज करते हैं। तो उसी स्थिति में आपको ₹30000 का फायदा हो जाता है।
किंतु इस प्रकार के कार्य करने के लिए तकनीकी का ज्ञान होना बेहद जरूरी है। अन्यथा आप रीसेलर होस्टिंग के माध्यम से पैसे नहीं कमा सकते।
होस्टिंग खरीदते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
>>आज के समय में अधिकतर होस्टिंग कंपनियां SSL Certificate प्रदान करती है, क्या आपको फ्री में एसएसएल सर्टिफिकेट मिल रहा है।
>> किसी भी वेबसाइट के प्रति सेकंड ट्रांसफर किए जाने वाले डाटा को बैंडविथ कहा जाता है। होस्टिंग करते समय Bandwidth जरूर देखना चाहिए। क्योंकि अधिक ट्रैफिक होने के कारण आपका वेबसाइट डाउन हो सकता है इसलिए इसे ध्यान में रखना आवश्यक है।
>>Customer Support का बहुत बड़ा महत्व होता है। कस्टमर सपोर्ट अच्छा होने से आप फोन कॉल या चैट के माध्यम से अपनी समस्या का समाधान करवा सकते हैं। इसलिए अच्छा कस्टमर सपोर्ट हो यह ध्यान में रखना आवश्यक है।
>> Money Back Policy होस्टिंग कंपनी दे रही है या नहीं इसे भी ध्यान में रखना आवश्यक है। क्योंकि अगर आपको उस होस्टिंग में कोई समस्या आ रही है तो आपके पैसे नहीं डुबेंगे।
What is Hosting in Hindi निष्कर्ष
इस लेख में होस्टिंग के विषय में जानकारी आसान भाषा में देने का प्रयास किया गया है। होस्टिंग क्या है? होस्टिंग के कितने प्रकार है? अपनी वेबसाइट के लिए अच्छा सा होस्टिंग कैसे खरीदे तमाम जानकारियां आप तक रखने का प्रयास किया गया है।
आशा करते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद कुछ ना कुछ जरूर सीखने को मिला होगा। आपसे आग्रह है कि इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। क्योंकि वेबसाइट बनाते समय इसकी आवश्यकता पड़ती है।
आपका दिन शुभ हो
जय हिंद, जय भारत