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Chapter -6 इतिहास: शहरीकरण एवं शहरी जीवन Subjective QnA | Shahrikaran awam shahri jivan Chapter 6 class 10th

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Shahrikaran awam shahri jivan Chapter 6 class 10th
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Chapter -6 इतिहास: शहरीकरण एवं शहरी जीवन Subjective QnA Social Science 10th Bihar Board

दोस्तों, आज हम आपके साथ शेयर करने वाले हैं इतिहास के महत्वपूर्ण प्रश्न इसे आप अपने नोटबुक में जरूर नोट कर लें। हमेशा नए-नए प्रश्नों का अध्ययन करते रहें परीक्षा के पैटर्न के बारे में अधिक से अधिक जानकारी रखें गत वर्ष के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करने से आप अधिक से अधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न –शहरीकरण से क्या समझते हैं?

उत्तर–शहरीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा ग्रामीण बस्तियां शहर के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। शहरीकरण के कारण पशुपालन तथा कृषि के स्थान पर लोग व्यापार तथा उद्योग धंधे में लग जाते हैं।
इस प्रकार शहरीकरण एक नई अर्थव्यवस्था को जन्म देती है।

प्रश्न –शहरों में मध्यम वर्ग की भूमिका पर प्रकाश डालें।

उत्तर–शहरों में मध्यम वर्ग का भी महत्वपूर्ण भूमिका रहा है। पूंजीपति वर्ग और श्रमिक वर्ग के साथ-साथ यह नए सामाजिक समूह के रूप में उभरकर सामने आया है। इस समूह में बुद्धिजीवी, चिकित्सक, नौकरी तथा पेशे वाले लोग आते हैं। शहरों को नई आर्थिक रूप प्रदान करने हेतु व्यवसायिक वर्ग प्रमुख कारण बना, जबकि बुद्धिजीवी एवं राजनीतिक वर्ग ने नए राजनीति एवं सामाजिक चिंतन को जन्म दिया, भिन्न भिन्न प्रकार के आंदोलनों में दिशा प्रदान करने में इनका अहम भूमिका रहा।

प्रश्न –शहारों और गांवों में प्रमुख अंतर क्या है?

उत्तर–शहरों और गांवों में मुख्य अंतर यह है कि गांव के लोग अपनी आजीविका के लिए कृषि पशुपालन तथा इससे जुड़े हुए घरेलू कार्य करते हैं, जबकि शहरी लोग अपनी आजीविका के लिए व्यापार तथा नौकरी आदि में लगे रहते हैं।

प्रश्न –शहरीकरण का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर–शहरीकरण के कारण कल कारखाने, उद्योग धंधे काफी फले फुले। चिमनिया से निकले धुएं, लोगों के भीड़, गाड़ियों से निकले विषैली गैस तथा गंदगी से भरे धूल पर्यावरण को काफी प्रभावित किए।
इस प्रकार कुल मिलाकर देखा जाए तो शहरीकरण ने पर्यावरण को दूषित कर के रख दिए ।
1840 के दशक में औद्योगिक नगर इंग्लैंड में धुआं नियंत्रण हेतु कानून लागू किए गए। भारत में भी 1863 में धुआं नियंत्रण हेतु कानून बनाया गया।

प्रश्न –यूरोपीय इतिहास में घेटो का क्या अर्थ है?

उत्तर–घेटो शब्द का सामान्य अर्थ मध्य यूरोपीय शहर में यहूदियों के बस्तियों के लिए किया गया किंतु अभी के समय में यह विशिष्ट धर्म जाति या समान पहचान वाले लोगों के साथ रहने वाले लोगों को इंगित करता है।

प्रश्न –श्रमिक वर्गों का आगमन शहरों में किन परिस्थितियों के अंतर्गत हुआ?

उत्तर–आधुनिक शहरों में यदि एक तरफ पूंजीपति वर्गों का उदय हुआ तो दूसरी तरफ श्रमिक वर्ग।
औद्योगिकरण के कारण शहरों में कल कारखाने लगने लगे, इससे भूमिहीन कृषक वर्ग रोजगार हेतु शहर में आकर बसने लगे। जिससे शहर की आबादी में काफी वृद्धि हुई।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि शहरों में फैक्ट्री प्रणाली की स्थापना के कारण श्रमिक वर्ग का आगमन शहर की ओर हुई।

प्रश्न –किन किन प्रक्रियाओं के द्वारा आधुनिक शहरों की स्थापना निर्णायक रूप से हुई?

उत्तर–आधुनिक शहरों की स्थापना हेतु निर्णायक भूमिका निभाने वाले तीन प्रक्रिया इस प्रकार है–

>>औद्योगिक पूंजीवाद का उदय
>>विश्व के विशाल भू-भाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना
>>लोकतांत्रिक आदर्श का विकास

प्रश्न –शहारों ने किन नई समस्याओं को जन्म दिया?

उत्तर–नए नए शहरों के उदय के पश्चात सबसे बड़ी समस्या सामने आई, जनसंख्या
नए नए शहरों और एकाएक जनसंख्या में बढ़ोतरी के कारण श्रमिकों को अनेक प्रकारों के समस्याओं का सामना करना पड़ा।
जैसे- बेरोजगारी में वृद्धि, आवास की समस्या, स्वच्छ जल की समस्या तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं इत्यादि।

प्रश्न –18 वीं शताब्दी के मध्य में लंदन की आबादी बढ़ने का मुख्य कारण क्या था?

उत्तर–लंदन एक विशाल नगर था, वैसे भी इंग्लैंड की राजधानी होने के कारण आबादी बढ़ना स्वाभाविक था। यदि 1750 तक लंदन की आबादी की बात करें तो इसकी आबादी 6लाख से अधिक थी जबकि यही आबादी 1880 तक 40 लाख हो गई।
वैसे लंदन में अधिक संख्या में कारखाने नहीं थे किंतु रोजगार के और भी साधन उपलब्ध होने के कारण रोजगार हेतु लोग लंदन में आकर बसने लगे।
प्रथम विश्वयुद्ध का कलंदर में मोटर से बिजली के सामान भी बनाए जाने लगे, धीरे-धीरे उद्योग धंधे कल कारखाने लगने लगे इस कारण भी लंदन की आबादी बढ़ने लगे।

प्रश्न –19वीं शताब्दी में धनी लंदन वासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की वकालत क्यों की?

उत्तर–19वीं शताब्दी में लंदन में गरीबों के लिए घर की समस्या चरम सीमा पर थी। औद्योगिकरण के कारण काफी संख्या में लोग आने लगे।
कल कारखाने में काम करने वाले मजदूरों के लिए आवास की समस्या थी। उन्हें शहरों में रहने के लिए घर नहीं थे‌। इस प्रकार इस समस्या को देखते हुए, धनी लंदन वासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की वकालत शुरु कर दी।

प्रश्न –19वीं शताब्दी के मध्य में मुंबई की आबादी में भारी बढ़ोतरी हुई क्यों?

उत्तर–19वीं शताब्दी में मुंबई को विकसित होने का मुख्य कारण बंदरगाह का होना साथ में पश्चिमी भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्यालय बनना।
औद्योगिकरण का जब विकास हुआ तो उस समय मुंबई बड़े औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर कर सामने आया।
इसके पश्चात विकास की रफ्तार काफी तेजी से बढ़ गए कल कारखाने लगने के कारण व्यापारी, कारीगर तथा श्रमिक वर्ग भारी तादाद में आकर बसने लगे।
इस प्रकार मुंबई भारत का सबसे प्रमुख नगर के रूप में विकसित हुआ।
अतः मुंबई की आबादी में काफी वृद्धि हुई।

प्रश्न –व्यवसायिक पूंजीवाद ने किस प्रकार नगरों के उद्भव में अपना योगदान दिया?

उत्तर–व्यवसायिक पूंजीवाद के उद्भव नगरों के उद्भव के साथ जुड़ा हुआ है। व्यापक स्तर पर व्यापार प्रचुर मात्रा में उत्पादन, मुद्रा प्रधान अर्थव्यवस्था, शहरी अर्थव्यवस्था जिसके अंतर्गत काम के बदले पैसे, स्वतंत्र उद्यम, बीमा, कंपनी साझेदारी, एकाधिकार आदि पूंजी वृद्धि की अर्थव्यवस्था में व्यवसायिक पूंजीवाद ने अपना योगदान दिए।

प्रश्न –गांव के कृषि जन्य आर्थिक क्रियाकलापों की विशेषताओं को दर्शाए।

उत्तर–गांव के कृषि जन आर्थिक क्रियाकलापों की प्रमुख व्यवस्था यह है कि यहां आबादी के अधिकांश भाग कृषि संबंधित कार्यों से जुड़े होते हैं।
गांव में निवास करने वाले लोगों के लिए आय का प्रमुख साधन कृषि ही है। इस प्रकार यह कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था मूलत: जीवन निर्वाह अर्थव्यवस्था पर निर्धारित है।

प्रश्न –समाज का वर्गीकरण ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में किस भिन्नता के आधार पर किया जाता है?

उत्तर–ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में सामाजिक वर्गीकरण मुख्य रूप से व्यवसाय के विस्तार के आधार पर किए जाते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र के लोग कृषि एवं उससे संबंधित क्रियाकलाप से अपना जीवन निर्वाह करते हैं, जबकि शहरी क्षेत्र के लोग व्यापार, उद्योग, नौकरी आदि द्वारा जीविकोपार्जन करते हैं।

 


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