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chapter 2 अर्थशास्त्र राज्य एवं राष्ट्र की आय ( महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न ) 10th Bihar Board Economics VVI Objective QnA
Q- कुल या सकल घरेलू उत्पाद किसे कहते हैं?
Ans— एक विशिष्ट अवधि में किसी देश में सभी उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का मौद्रिक मूल्य सकल घरेलू उत्पाद कहलाता है। इसे GDP यानी Gross Domestic Product कहते हैं।
Q- आय से क्या समझते हैं?
Ans— जब कोई व्यक्ति शारीरिक या मानसिक कार्य के बदले पारिश्रमिक प्राप्त करता है, तो उसे आय कहते हैं। दूसरे शब्दों में आर्थिक प्रयत्नों के द्वारा जो धन प्राप्त होता है, उसे आय कहते हैं।
Q- प्रति व्यक्ति आय क्या है?
Ans— जब हम कुल राष्ट्रीय आय को कुल जनसंख्या से भाग देते हैं तो प्राप्त परिणाम प्रति व्यक्ति आय कहलाता है। इसे औसत आय भी कह सकते हैं।
उदाहरण के लिए यदि किसी देश की राष्ट्रीय आय 2 करोड़ रुपए है और जनसंख्या 1 करोड़ हैं तो —
प्रति व्यक्ति आय = राष्ट्रीय आय / देश की कुल जनसंख्या
= 2 करोड़ रुपए /1 करोड़ रुपए = ₹2
इस प्रकार प्रति व्यक्ति आय ₹2 होगा।
बिहार में सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय वाला जिला पटना तथा सबसे कम प्रति आय वाला जिला शिवहर है।
Q- राष्ट्रीय आय से क्या समझते हैं?
Ans—राष्ट्रीय आय वर्ष भर में आर्थिक गतिविधियों से किसी देश को अर्जित आय की कुल मात्रा होती है। इसके अंतर्गत देश में उत्पादित सभी वस्तुओं तथा सेवाओं, जैसे- मजदूरी, ब्याज, किराया, मुनाफा इत्यादि शामिल है।
इसे हम ऐसे भी कर सकते हैं कि किसी वित्तीय वर्ष के दौरान देश द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य ही राष्ट्रीय आय है।
Q- आय का गरीबी के साथ क्या संबंध है?
Ans— आय का गरीबी के साथ सीधा संबंध है, यदि किसी व्यक्ति की आय कम होगी तो वह व्यक्ति उतनी ही अधिक गरीब होगी। यदि व्यक्ति की आय राष्ट्रीय औसत आय के 60% से कम हो जाती है, तो उस व्यक्ति को गरीबी रेखा से नीचे माना जाता है।
आय में कमी होने पर जीवन स्तर में गिरावट के साथ साथ पूंजी निर्माण की दर भी घट जाती है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि गरीबी ही गरीबी को जन्म देती है।
Q- आय और उपभोग में क्या अंतर है
Ans— आर्थिक प्रयत्नों के द्वारा जो धन प्राप्त होता है उसे आय कहते हैं जबकि मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रयोग धन उपभोग कहलाता है।
आय से वस्तु की उपयोगिता नष्ट नहीं होती है जबकि उपभोग से वस्तु की उपयोगिता नष्ट होती है।
आय अर्जन में प्रत्यक्ष संतोष नहीं मिलता है तथा उपभोग से प्रत्यक्ष संतोष मिलता है।
Q- राष्ट्रीय आय की गणना में होने वाली कठिनाइयों का वर्णन करें।
Ans— राष्ट्रीय आय की गणना करने में अनेक प्रकार के कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जैसे- आंकड़े को एकत्र करने में कठिनाई, दोहरी गणना की संभावना, मूल्य मापने में कठिनाई इत्यादि
आंकड़ों को एकत्र करने में कठिनाई— आंकड़े को शुद्धता पूर्वक एकत्र करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। देश जितना पिछड़ा होता है समस्या उतनी ही अधिक होती है।
दोहरी गणना की संभावना –— किसी देश की अर्थव्यवस्था में एक ही आय को दोबारा गणना करना पड़ सकता है। जैसे कोई व्यक्ति ₹25000 प्रति माह कमाते है और नौकर को ₹4000 दे देते है, तो यहां पर आय की गणना दो बार करना पड़ता है।
मूल्यमापन में कठिनाई–– किसी देश की अर्थव्यवस्था में ऐसी वस्तुएं भी शामिल है, जिसका विनिमय मुद्रा के रूप में नहीं होता तथा कुछ ऐसे भी वस्तुएं हैं जिसे उत्पादक स्वयं उपभोग कर लेते हैं, ऐसी स्थिति में मूल्य मापने में कठिनाई होती है।
Q- भारत में सर्वप्रथम राष्ट्रीय आय की गणना कब और किसके द्वारा की गई थी?
Ans— भारत में सर्वप्रथम 1868 ई० में दादा भाई नौरोजी ने राष्ट्रीय आय का अनुमान लगाया था। उस समय भारत में प्रति व्यक्ति आय ₹20 वार्षिक थे। उन्होंने अपनी एक पुस्तक पॉवर्टी एंड अनब्रिटिश रूल इन इंडिया में इसका जिक्र किये है।
Q- भारत में राष्ट्रीय आय की गणना किस संस्था द्वारा होती है?
Ans— भारत में राष्ट्रीय आय की गणना केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा की जाती है। भारत सरकार ने इस गणना के अंतर्गत राष्ट्रीय आय में केवल उन्हीं सेवाओं को शामिल की है, जिनके बदले भुगतान होता है।
Q- गरीबी को परिभाषित करें।
Ans— जब किसी व्यक्ति को न्यूनतम आधारभूत आवश्यकताएं, जैसे- भोजन, वस्त्र तथा आवास की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो, गरीबी कहलाता है।
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री रेगुलर ने गरीबी को दुष्चक्र के रूप में परिभाषित किए हैं। उनके अनुसार लोग गरीब इसीलिए है कि आप गरीब हैं, और गरीब इसलिए गरीब होते हैं क्योंकि वह अपनी न्यूनतम आवश्यकताओं को भी पूरा नहीं कर पाते हैं।
Q- निम्नलिखित शब्दों का विस्तारित रूप लिखें
Ans—
WTO — World Trade Organisation
PCI –— Per Capita Income (प्रति व्यक्ति आय)
NSSO — National Sample Survey Organisation
CSO — Central Statistics Organisation ( केंद्रीय सांख्यिकी संगठन)
NNP –— Net National Product ( शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन)
NI — National Income राष्ट्रीय आय
RBI –– Reserve Bank of India
GNP –– Gross National Product
GDP –— Gross Domestic Product
SHG — Self Help Group
NABARD — National Agriculture Bank and Rural Development
ATM — Automated Teller Machine
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