कन्दाहा सूर्य मंदिर के विषय में रोचक जानकारियां, सहरसा जिला के महिषी प्रखंड
कंदाहा गांव में सूर्य मंदिर एक बहुत ही पावन और ऐतिहासिक स्थान है। सूर्य मंदिर महिषी प्रखंड के पस्तवार पंचायत में स्थित है। सहरसा जिला मुख्यालय से इसकी दूरी की बात करें तो यह मंदिर 16 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थान है, जिसे भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा औरंगाबाद जिले के देव मंदिर में मान्यता प्राप्त है।श्री उग्रतारा स्थान महिषी से निकट मान सकते हैं क्योंकि यहां से लगभग 3 किलोमीटर उत्तर गोरहो घाट चौक से स्थित है।
इस मंदिर में सूर्य भगवान सात घोड़े रथ पर सवार हैं। मूर्ति एक ग्रेनाइट स्लैब पर बनाई गई है।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मंदिर का निर्माण 14 वीं शताब्दी में मिथिला पर शासन करने वाले कर्नाटक वंश के राजा नरसिंह देव निर्माण करवाया था।
मंदिर के विषय में ऐसा भी कहा जा रहा है कि कालापहद नामक एक क्रूर मुगल सम्राट मंदिर को काफी क्षति पहुंचाया किंतु प्रसिद्ध संत कवि लक्ष्मीनाथ गोसाई द्वारा पुनर्निर्माण कराया गया।
इस इलाका के प्रसिद्ध स्थल उग्रतारा मन्दिर, कारू खिरहरि मन्दिर, मठेश्वर धाम, नाकुचेश्वर महादेव और बाबा लक्ष्मीनाथ गोसाई मन्दिर है, दर्शनार्थी जब यहां पहुंचते हैं तो सूर्य मंदिर कन्दाहा का दर्शन जरूर करते हैं।
मंदिर के निकट एक कुआं है जिस की विशेषता यह है इसके जल से स्नान करने पर कुष्ठ रोगी को लाभ प्राप्त होता है। विशेष रुप से छठ और कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस पानी से स्नान करने से शांति मिलती है, ऐसा लोगों का कहना है।