पुलिस बेटी- Hindi kahaniyan : नमस्कार दोस्तों एजुकेशन पोर्टल Newsviralsk में बहुत-बहुत स्वागत है। आज मैं आप लोगों के साथ एक ऐसा कहानी शेयर करना चाहता हूं जोकि हमारे समाज के लिए एक शिक्षा का माध्यम बन सकता है। यदि इस कहानी से आप थोड़ा भी प्रभावित हो तो इसे WhatsApp & Facebook पर जरूर शेयर करें। मैं समझूंगा मेरा छोटा सा प्रयास सार्थक रहा। Hindi kahaniyan police beti
तो चलिए शुरू करते हैं— बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
पुलिस बेटी- हौसले हो तो सब कुछ संभव है
एक दिन की बात है रश्मि के पिताजी विद्यालय पहुंचते हैं विद्यालय के प्रधानध्यापक रश्मि के विषय में बहुत कुछ बताते हैं ।
प्रधानाचार्य — आपका रश्मि——
“क्या हुआ कुछ गलत हो गया क्या श्रीमान जी” रश्मि के पिताजी कहते हैं
प्रधानाचार्य– रश्मि स्कूल में सबसे तेज लड़की है, हमें उन पर गर्व है आप रश्मि पर और ध्यान रखें, वह आगे चलकर अपने समाज और देश का नाम रोशन करेगी।
रश्मि के पिता जी बोले— हां हां पढ़ाई तो करती है, मैं भी इसके लिए तत्पर पर रहता हूं। वह मेहनती है और समय पर काम समाप्त करती है। समय का महत्व देना वह अभी से ही जानती है , मुझे भी ऐसा लग रहा है कि भविष्य में कुछ करेगी।
गांव के तीन-चार लड़के रश्मि और उनके दो तीन सहेलियों को हमेशा छेरा करते थे । इस विषय को लेकर रश्मि और उनके साथी चिंतित थी। एक दिन वह तीनों लड़के पान की दुकान पर खड़ा होकर इन लड़कियों के विषय में कुछ बोल रहे थे ।
रश्मि आई और तीनों पर तमाचे बरसाने लगे, तीनों को इतना धोया की नानी याद आने लगे और तीनों दुम दबाकर भाग गए।
आज रश्मि बहुत खुश है, क्योंकि उसे पता चल गया कि उनके अंदर भी शक्ति है। रश्मि इन से अवगत नहीं थी कि मैं भी यह कर सकती हूं ।
एक दिन रश्मि अपने पिताजी के पास बैठी थी । वह अपने पिता से कहती है — पिताजी मैं मजबूत हूं मैं पुलिस अफसर बनना चाहती हूं।
पिताजी बोले– हां क्यों नहीं तुम बन सकती हो। अब वे लोग सुबह में दोड़ते हैं । पिता के साथ रश्मि अब दौड़ के साथ कूद और भिन्न भिन्न प्रकार के व्यायाम करने लगे।
रश्मि 10वीं , 12वीं और स्नातक परीक्षा पास करके अब आईपीएस की तैयारी में लग गई और 1 वर्ष की अथक मेहनत के बाद वह पुलिस अफसर बन गई। परिवार और समाज के लोग गर्व से कहने लगे। हमारे गांव में भी बेटी पुलिस है ।
रश्मि की शादी पुलिस अफसर से की गई। अब दोनों पति पत्नी पुलिस अफसर है। 2 वर्षों के बाद रश्मि को एक पुत्र धन प्राप्त हुआ उनका नाम रखा गया — भानु
भानु बचपन से ही बहुत तीव्र बुद्धि का था । माता और पिताजी पुलिस घर कुछ अलग दिख रहा था । क्या गजब था वैसे भी कहा गया है कि परिवार का वातावरण बच्चे को प्रभावित करते है।
भानु भी चाहता था बड़े होकर पुलिस अफसर बने और बचपन से ही वह पुलिस अफसर के लिए तैयारी में जुट गए। सुबह सवेरे 5:00 बजे उठकर दौड़ना, कसरत करना उनका दिनचर्या बन गया था।
एक दिन की बात है रश्मि और उनके पति कार एक्सीडेंट में भगवान के प्यारे हो गए । अब पारिवारिक स्थिति बिगड़ गई। घर पर दादी दादा के साथ भानु रहने लगे।
वह चाहता था कि मैं भी एक पुलिस अफसर बनुं वो खूब अभ्यास करता। एक दिन की बात है भानु जब दौड़ने मैदान में निकला तो दौड़ते समय एक सांप ने उसे डंक मार दिया। वे अपने जेब से चाकू निकालकर डंक वाले जगह को काट दिया और कटे भाग से ऊपर और नीचे जोर से पट्टी बांध दिया ताकि विश ना फैले।
उनके शरीर से बहुत खून निकले वे बेहोश हो गए थे, गांव के लोगों ने तुरंत हॉस्पिटल में ले गए उपचार हुआ और वह ठीक हो कर आए किंतु अत्यधिक खून निकल जाने के कारण मेडिकल परीक्षा में वह सफल नहीं हो सके और अंत में उन्हें वॉचमैन का नौकरी मिला।
घर की स्थिति काफी दयनीय थी। दादी परेशान है दादाजी स्वर्गवास हो गए। अब घर पर अकेली दादी बैठी रहती थी।
दादी बोली –भानु बेटा, मैं घर पर अकेली रहती हूं और बूढ़ी हो गई हो, तुम अपना शादी कर लो और घर में बहू को लाओ।
वह कामों में हाथ बटाएगी इससे अच्छा रहेगा। भानु सोचा दादी ठीक कह रही है। वह श्वेता नाम की लड़की से शादी की ।
लड़की पढ़ने में काफी तेज थी BA. पास और वह घर का भी काम कर लेती थी।
घर आते ही जब श्वेता देखती है कि घर में पिताजी और माताजी के फोटो पुलिस वर्दी में टंगे हुए हैं। वह भानु से बोलती है आपके घर में पुलिस ऑफिसर थे– पापा जी पुलिस ऑफिसर मां पुलिस अफसर थी तो आप भी क्योंन इसकी तैयारी करते हैं, आप भी पुलिस अफसर बनो ना–
भानु श्वेता को सब कुछ बताएं यह घटना सुनकर के श्वेता रोने लगी और बोली आप मुझे साथ दें। मैं वह करके दिखाऊंगी जो आप सपने पाल कर रखें और श्वेता भानू के साथ सुबह 4:00 बजे से दौड़ने लगी। परीक्षा की तैयारी में जुट गई एक ही वर्ष में वह ऑफिसर बन गई । भानु के सपने साकार हो गए।
पुलिस बेटी यह कहानी कैसी लगी। Hindi kahaniyan police beti
दोस्तों इस कहानी से क्या शिक्षा मिली– यदि हम किसी भी राह पर चलते हैं, तो हमें मुश्किलें मिलेगी किंतु मुश्किल को देखकर हमें रुकना नहीं है, हमें चलते रहना है, चलते जाना है जब तक कि मंजिल ना मिल जाए–
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ | Hindi kahaniyan police beti
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