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स्वर कोकिला लता मंगेशकर की संघर्ष की कहानी: खुद नहीं पढी अपने बहनों को पढ़ाया, 75 से अधिक अवार्ड

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Lata Mangeshkar struggle story
Lata Mangeshkar struggle story

स्वर कोकिला लता मंगेशकर की संघर्ष की कहानी: खुद नहीं पढी अपने बहनों को पढ़ाया, पढ़े लता दीदी की कहानी

लता मंगेशकर अब नहीं रही। उन्होंने अपने करोड़ों फैंस और शुभचिंतकों को छोड़कर, रविवार को इस दुनिया को अलविदा कह गई। लता मंगेशकर को उनके करोड़ों फैंस याद कर रहे हैं। उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

लता मंगेशकर का वास्तविक नाम हेमा हरिदकर था। लता दीदी को लोग उनके वास्तविक जीवन से बहुत ही कम जानते थे खास बात तो यह है कि उनके गाए गीत प्रशंसकों को उनके वास्तविक जिंदगी तक पहुंचने ही नहीं देता।

लता मंगेशकर का देश भक्ति– गीत ए मेरे वतन के लोगों…… दिल को छू लेता है

लता दीदी के इस देशभक्ति गीत को सुनकर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों की तरह फूट-फूट कर रोने लगे थे। आज भी इस देशभक्ति गीत को लोग गर्व से सुनते हैं।

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को हुआ। उनका जन्म मंगेशी नामक गांव में होने के कारण नाम लता मंगेशकर पड़ गया। छोटी सी उम्र में ही उनके पिताजी का निधन हो गया। पिताजी के गुजरने के बाद घर की जिम्मेवारी लता दीदी के कंधे पर आ गई। परिवार की स्थिति बिल्कुल बिगड़ गई । उस स्थिति में वह अपना पढ़ाई छोड़कर अपने छोटे-छोटे बहनों को पढ़ाया।

लता दीदी कभी स्कूल नहीं जाती थी वह घर पर ही रहकर पड़ती थी। छोटी सी उम्र से ही लता अपने पिता के साथ मराठी संगीत नाटक में कार्य किया करती थी। 14 वर्ष के हो जाने के बाद वह नाटकों में अभिनय करने लगी।

धीरे-धीरे परिवार की हालात सुधरने लगी। 1942 की बात है उनकी छोटी बहन आशा ने लव मैरिज करने की जिद पकड़ ली, इस कारण लता दीदी को उनसे तनाव हो गया। 1949 में आशा ने गणपत राव भोसले से शादी कर ली। यदि लता मंगेशकर की परिवार के प्रति कुर्बानी की बात की जाए तो वह अपने भाई बहनों के लिए खुद शादी नहीं की। परिवार के प्रति क्या कुर्बानी की!

लता दीदी आज हमारे बीच नहीं है किंतु वह अमर हो गई है।

लता मंगेशकर पहली सिंगर है जिन्होंने 36 भाषाओं में गाना गायी है। लता दीदी भले ही स्कूल नहीं गई हो किंतु उन्हें न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी सहित 6 विश्वविद्यालयों से मानक उपाधि से सम्मानित किया गया है। 51 साल में लता दीदी को 75 से भी ज्यादा अवार्ड से नवाजा गया।

Born: 28 September 1929, Indore

Died: 6 February 2022, Breach Candy Hospital Trust, Mumbai

लता मंगेशकर को सबसे पहला पुरस्कार 30 साल की उम्र में मिली। वर्ष 2001 में उन्हें केंद्र सरकार द्वारा भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया।

>>भारत रत्न सम्मान –2001
>>पद्म भूषण–1969
>> दादा साहब फाल्के पुरस्कार–1989
>> पद्म विभूषण –1999
>>लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड-2008
>> 3 नेशनल अवॉर्ड–1972 (फिल्म – परिचय) , 1974(फिल्म- कोरा कागज), 1990(फिल्म- लेकिन)

>>7 बार मिला फिल्मफेयर अवॉर्ड

1959 — आज रे परदेसी
1963 — कहीं दीप जले कही दिल
1966 –तुम्ही मेरे मंदिर तुम्ही मेरी पूजा
1970 — आप मुझे अच्छे लगने लगे
1993– लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
1994 — दीदी तेरा देवर दीवान
2004 — फिल्मफेयर स्पेशल अवॉर्ड

Awards: Bharat Ratna, Filmfare Lifetime Achievement Award, Padma Vibhushan, Padma Bhushan, Mirchi Music Awards for Lifetime Achievement Award, IIFA Lifetime Achievement Award, Dadasaheb Phalke Award, Filmfare Award for Best Female Playback Singer ….

दुनिया में सबसे अधिक गाना गाने वाली लता दीदी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है।

हमें लता दीदी पर गर्व है। शत शत नमन

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