Sharda Sinha ke Liye Geet Likhe Hriday Narayan Jha : श्रीमती शारदा सिन्हा के लिए 9 छठ गीत लिखे हृदय नारायण झा, क्या है उनका विचार
हृदय नारायण झा जी का कहना है- शारदा सिन्हा में जो लोकगीत गायकी की संस्कृति है, वो मैंने अब तक किसी और गायक या गायिका में नहीं देखे ।
मैं इस बात से पूर्ण संतुष्ट हूं कि मेरे लिखे गीत अगर कोई और गाता तो शायद वे लोगों को इतने पसंद नहीं आते।” मधुबनी के रहने वाले गीतकार हृदय नारायण झा, पद्म भूषण शारदा सिन्हा को 12-13 वर्षों से जानते हैं।
उन्होंने श्रीमती शारदा सिन्हा के लिए कुल 9 छठ गीत लिखे हैं, जिसमें 5 मैथिली में हैं और 4 भोजपुरी में है।
शारदा सिन्हा का बेहद प्रसिद्ध छठ गीत ‘पहिले पहिले हम कईनी’ के गीतकार भी हृदय नारायण झा हैं; और उनका आखिरी गीत ‘दुखवा मिटाईं छठी मैया’ भी हृदय नारायण ने ही लिखा है; जो हाल ही में शारदा सिन्हा के दिल्ली एम्स में भर्ती रहते रिलीज़ हुआ।
वर्ष 2011 की बात है, श्रीमती शारदा सिन्हा को किसी से पता चला कि हृदय नारायण झा जी काफी अच्छा गीत लिखते हैं, फिर क्या हुआ उन्होंने श्रद्धा नारायण झा जी को बुलाए और कहा कि वह इस बार कुछ अलग गाना चाहती हैं।
हृदय नारायण झा कहते है, “दीदी के लिए पहली बार मैथिली में गीत लिखा और उनसे मिला। मैंने उनसे कहा कि आपके कई गीत हैं; लेकिन मैं आपके लिए नया प्रयोग करना चाहता हूँ। मेरी इच्छा है कि हम अपनी संस्कृति-सभ्यता को बौद्धिकता के साथ गाएं। तब सभी छठ व्रतियों को ध्यान में रखते हुए लिखा कि, ‘सकल जग तारिणी हे छठी मईया..’. कई लोगों को डर होता है कि पूजा में कुछ गलती न हो जाए, इसके लिए ‘व्रत के नियम हम किचियो ने जानी’ भाव इसमें शामिल किया।
उन दिनों कैसेट में छठ गीत का एल्बम निकलता था। दीदी का ट्रेंड यह था एक एल्बम में तीन गीत भोजपुरी व तीन गीत मैथिली में गाती थीं। वहीं, भोजपुरी में पहली बार मैंने “महिमा बा राउर अपार छठी मैया” गीत को लिखा था।
नारायण झा के बोल और शारदा सिन्हा के स्वर की मिठास छठ पर्व के गीतों में इस तरह घुल-मिल गयी कि वे कब एक-दूसरे के पूरक बन गए, पता ही नहीं चला। घाट पर इनके गीतों के बिना छठ अधूरा सा लगता है.
आज तक यूट्यूब चैनल के माध्यम से इस इंटरव्यू को सामने रखा गया है। नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक करके आप देख सकते हैं। यहां पर काफी लंबा इंटरव्यू है जिसमें शारदा दीदी मिथिला की भी चर्चा की है –
छठ के चार ऐसे गीत
श्रीमती शारदा सिन्हा का निम्न गीत काफी प्रसिद्ध हुए।
‘डोमिनी बेटी सुप लेले ठार छे’, ‘अंगना में पोखरी खनाइब, छठी मैया आइथिन आज’ ‘मोरा भैया गैला मुंगेर’ और श्यामा खेले गैला हैली ओ भैया’ ये छठ के चार ऐसे गीत थे, जो मैंने 1978 में रिकॉर्ड किया था।
विनम्र श्रद्धांजलि 🙏