Arvind Trivedi VS Amrish Puri : रावण के किरदार में अमरेश पुरी कैसा रहता
रामानंद सागर के रामायण के सभी किरदार यूनिक है। क्योंकि प्रत्येक किरदार के लिए काफी मेहनत किया गया। रामानंद सागर के रामायण देखने से ऐसा लगता है कि वास्तव में यही राम, लक्ष्मण, रावण है जो हम सोच रहे हैं।
एक बात है रामायण की कहानी में राम के साथ-साथ रावण का भी अहम भूमिका रहा है। यदि रावण ना होता तो इतना सुंदर रामायण होना असंभव था।
रामानंद सागर ऐसे व्यक्ति का तलाश कर रहे थे जो रामायण के रावण के लिए सटीक हो। क्योंकि राम रावण का युद्ध यह कोई सामान्य युद्ध नहीं होगा।
राम से लड़ने वाला रावण भी सामान्य नहीं है रामानंद सागर अपने मन में यही विचार रखे थे कि राम के लिए वैसा ही रावण चाहिए।
क्योंकि रावण ब्राह्मण और प्रकांड विद्वान था, यहां रावण का कर्म अच्छा नहीं होने के कारण राक्षस था किंतु विद्वता की बात की जाए तो रावण प्रकांड पंडित थे।
हिंदी फिल्म जगत में विलेन के रूप में अमरीश पुरी काफी प्रसिद्धि प्राप्त की। कुछ लोगों का कहना था कि रावण के लिए अमरीश पुरी अच्छा रहेगा। अमरीश पुरी भी एक अच्छे विलेन के रूप में फिल्म में दिखते हैं किंतु सागर को तो उस रावण की तलाश है जिसे देखकर लोगों को ऐसा लगे कि सचमुच यही रावण है।
रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल अपना विचार शेयर करते हुए बताते हैं कि रामायण के लिए रावण का खोजना काफी पहले से जारी था। वे बताते हैं कि गुजराती फिल्म थिएटर के एक महान कलाकार रामानंद सागर के रामायण में केवट के किरदार निभाने के लिए आए थे।
स्क्रिप्ट को पढ़कर बताया गया जब वह किरदार केवट डायलॉग बोल रहे थे, रामानंद सागर को काफी अच्छा लगा किंतु जब वह बोलकर जा रहे थे तो वे बोल पड़े आज हमारे रामायण का रावण मिल गया।
वह व्यक्ति अरविंद त्रिवेदी थे। केवट के डायलॉग में उन्हें भाषा शैली और व्यक्तित्व को देखकर वह तुरंत उन्हें लंकेश के किरदार में सामने आने के लिए प्रेरित कर दिए।
रामायण के प्रमुख किरदार राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल भी अरविंद त्रिवेदी को अच्छे से जानते थे। अरविंद त्रिवेदी का व्यवहार और विचार काफी सुंदर था। वह अरुण गोविल को प्रभु कहकर बुलाते थे।
रामायण के राम अरुण गोविल रावण के विषय में क्या बताए हैं आप नीचे दिए गए वीडियो देख सकते हैं।
Arvind Trivedi VS Amrish Puri : रावण के किरदार में अमरेश पुरीी